अनुपम ने कहा कि अगर आरआरआर ने क्रिटिक्स च्वाइस अवार्ड और गोल्डन ग्लोब्स में सर्वश्रेष्ठ गीत का अवॉर्ड जीता है, तो यह भारतीय सिनेमा के लिए सबसे अच्छा है। हमें जश्न क्यों नहीं मनाना चाहिए?
इस साल के लिए ऑस्कर अवॉर्ड्स के नॉमिनेशन की घोषणा हो चुकी है। भारत के लिए ये साल बेहद खास है। शौनक सेन की ऑल दैट ब्रीथ्स बेस्ट डॉक्यूमेंट्री फीचर फिल्म श्रेणी में नॉमिनेट हुई है और कार्तिकी गोंजाल्विस की द एलिफेंट व्हिस्परर्स बेस्ट डॉक्यूमेंट्री शॉर्ट फिल्म श्रेणी में नॉमिनेट है। इसके अलावा सबसे ज्यादा जो चर्चा में है वो है फिल्म आरआरआर। एसएस राजामौली की तेलुगु फिल्म आरआरआर को बेस्ट मूल गीत श्रेणी में अपने गाने नाटू नाटू के लिए नॉमिनेट किया गया है। भारत में फिल्म पहले ही रिकॉर्ड तोड़ कमाई कर चुकी है। फिल्म को क्रिटिक, फैंस और सेलेब्स सभी ने सराहा है।
भारत कई फिल्में ऐसी भी रहीं जो नॉमिनेट नहीं हो पाईं। इनमें आलिया भट्ट-स्टारर गंगूबाई काठियावाड़ी और ऋषभ शेट्टी की कन्नड़ फिल्म कांटारा शामिल हैं। अनुपम खेर-स्टारर द कश्मीर फाइल्स भी सूची में शामिल थी। हालांकि ये सभी अब ऑस्कर से बाहर हो गई हैं। अनुपम खेर ने अब आरआरआर के नॉमिनेट होने और अपनी फिल्म के बाहर होने पर बात की है। हालांकि वो पहले से ही आरआरआर की तारीफ करते रहे हैं। उन्होंने इसके गाने की भी तारीफ की। अब अनुपम ने अपनी फिल्म को ऑस्कर नामांकन में शामिल नहीं होने पर बात की और कहा कि शायद उनकी फिल्म में कोई समस्या रही होगी।
अनुपम ने कहा कि अगर आरआरआर ने क्रिटिक्स च्वाइस अवार्ड और गोल्डन ग्लोब्स में सर्वश्रेष्ठ गीत का अवॉर्ड जीता है, तो यह भारतीय सिनेमा के लिए सबसे अच्छा है। हमें जश्न क्यों नहीं मनाना चाहिए? निश्चित रूप से द कश्मीर फाइल्स के साथ कुछ समस्या होगी। मैं पहला व्यक्ति हूं, जिसने इस तरह का ट्वीट किया क्योंकि मुझे वास्तव में लगा कि गाना नाटू नाटू अच्छा है। अब तक पश्चिमी में भारतीयों की गरीबी के बारे में बनीं फिल्मों को सराहते थे। या किसी विदेशी को जिसने ऐसी फिल्म बनाई हो। लेकिन एक पश्चिमी दृष्टिकोण से यह पहली बार है जब एक हिंदुस्तानी फिल्म या तेलुगु फिल्म या जो भी भारतीय फिल्म है, वह सिनेमा की मुख्यधारा में आई है।
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