यूपी में परिवहन निगम ने रोडवेज बसों का किराया बढ़ा दिया है। सोमवार की देर रात से निगम ने नई दरें लागू कर दी हैं। अब नई दरों के हिसाब से ही रोडवेज बसों में यात्रियों से किराया लिया जाएगा। सोमवार की रात 12 बजे के बाद से परिवहन निगम ने अलग-अलग रूट पर साधारण बसों का किराया प्रति किलोमीटर 25 पैसे के हिसाब से बढ़ा दिया है। अब 1.30 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से साधारण बसों में यात्री से किराया लिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम यानी यूपी रोडवेज द्वारा साल 2020 के बाद अब जाकर किराए में बढ़ोत्तरी की जा रही है। रोडवेज की बसों में 25 पैसे की वृद्धि की गई है। साथ ही टेंपो व ऑटो के किराए में भी वृद्धि की गई है।
रोडवेज के किराए में वृद्धि
इस बाबत परिवहन आयुक्त एल. वेंकटेश्वर लू ने राज्य परिवहन प्राधिकरण के अध्यक्ष के तौर पर सोमवार को अधिसूचना जारी की। इस अधिसूचना के मुताबिक बसों का अधिकतम किराया 1.30 रुपये प्रति किलोमीटर कर दिया गया है। बता दें कि इससे पहले साल 2020 में अधिसूचना जारी की गई थी जिसके बाद बसों के किराए 1.05 रुपये प्रति किलोमीटर कर दिए गए थे। यानी अब रोडवेज प्रति 100 किमी की यात्रा पर एक व्यक्ति से 25 रुपये ज्यादा वसूलेगी। संभावना जताई जा रही है कि बढ़ाए गए किराए से रोडवेज को प्रतिमाह 2.5 करोड़ रुपये से ज्यादा का राजस्व मिलेगा।
ये होंगी नई दरें
सामान्य बस: 1.05 रुपए प्रति किमी की जगह अब 1.30 रुपए।
वोल्वो: 2.32 रुपए प्रति किमी की जगह अब 2.57 रुपए।
जनरथ: 1.57 रुपए प्रति किमी की जगह अब 1.82 रुपए।
एसी स्लीपर: 2.10 रुपए प्रति किमी की जगह अब 2.35 रुपए।
ऑटो-टेंपो के किराए में वृद्धि
बता दें कि राज्य में टेंपो, ऑटो रिक्शा, मोटर टैक्सी, कैब्स इत्यादि के दामों को भी बढ़ाया गया है। एक अन्य नोटिस के मुताबिक डीजल टेंपो 11.59 रुपये प्रतिघंटा, सीएमजी टेंपो 10.58 रुपये, पेट्रोल टेंपो पर 10.20 रुपये प्रति किलोमीटर, डीजल ऑटो रिक्शा का 10.44 रुपये प्रति किलोमीटर, सीएनजी ऑटो रिक्शा का किराया 10.24 रुपये प्रति किलोमीटर व पेट्रोल ऑटो रिक्शा का किराया 9.97 रुपये प्रति किलोमीटर तय किया गया है।
प्रतिदिन 17 लाख लोग बस से सफर करते हैं
परिवहन निगम के प्रवक्ता अजीत सिंह ने बताया कि पिछले दिनों परिवहन मंत्री के साथ बैठक में इसको लेकर चर्चा हो चुकी हुई थी। परिवहन विभाग को पिछले एक साल में 210 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था। इसके बाद यह फैसला लिया गया है। अगर, रेट नहीं बढ़ाया, तो यह घाटा 250 करोड़ रुपए तक बढ़ जाता है। प्रतिदिन 17 लाख लोग बस में सफर करते है। रोडवेज के पास 11200 बसें हैं।
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