बीते 6 फरवरी को तुर्की-सीरिया में आए भूकंप के कारण 41 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई थी। जिसके बाद मदद के लिए कई देश आगे आए थे. इन देशों में भारत भी शामिल रहा। भारत ने राहत सामग्री में काम आने वाली ज़रूरी चीजें और उपकरण भी मुहैया करवाए थे. भारत ने इसे ‘ऑपरेशन दोस्त’ नाम दिया था। अब भारत का ‘ऑपरेशन दोस्त’ पूरा हो चुका है। और भारत की ओर से भेजी गई राहत टीमें देश वापस लौट रही हैं।
भारत की मदद को तुर्की से बेहतर होते संबंधों के मद्देनज़र भी देखा जा रहा है। भारत में तुर्की के राजदूत फिरात सुनेल ने भी भारत का एक बार फिर आभार जताया है।फिरात सुनेल ने ट्वीट किया, ”भारत सरकार की ही तरह भारतीयों ने भी भूकंप प्रभावित तुर्की की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाए हैं. हम सच में आपकी इस मदद के लिए आभार व्यक्त करते हैं।”
फिरात सुनेल ने ट्वीट के साथ एक वीडियो भी साझा किया है। इस वीडियो में तुर्की भेजे जाने वाली राहत सामग्री दिख रही है।
Like the Government of India, the big-hearted Indian people have also joined hands to help those in need in the earthquake region. We truly appreciate all of you for your valuable help. 🧡🤍💚#TurkiyeQuakes#VasudhaivaKutumbakam
🇹🇷❤️🇮🇳@anadoluagency @MFATurkiye @MEAIndia pic.twitter.com/ailLgXeWu7— Fırat Sunel फिरात सुनेल فرات صونال (@firatsunel) February 20, 2023
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट किया, ”भारतीय सेना की मेडिकल टीम भारत लौट आई है. 99 सदस्यों की टीम ने तुर्की में 30 बिस्तर वाला अस्पताल सफ़लतापूर्वक चलाया था और क़रीब 4000 मरीज़ों का इलाज किया।”
हिंडन एयरबेस पर 60 पैराशूट फील्ड अस्पताल के सेकेंड इन कमांड लेफ्टिनेंट कर्नल आदेश शर्मा ने देश के एक समाचार एजेंसी बात करते हुए कहा, ”मैं तेज़ी से फ़ैसला लेने के लिए भारत सरकार का धन्यवाद करता हूं कि हमें भूकंप प्रभावित इलाक़ों में भेजा. हमें वहां अस्पताल बनाने के लिए कहा गया था और कुछ ही घंटों में हमने वहां अस्पताल बनाया भी। क्योंकि तुर्की का मेडिकल सिस्टम काम नहीं कर रहा था, ऐसे में मरीज़ हमारा बहुत शुक्रिया अदा कर रहे थे. वो लोग हमारे देश का भी आभार जता रहे थे।”
मेडिकल ऑफिसर मेजर बीना तिवारी ने कहा, ”हमने ऑपरेशन दोस्त पूरा कर लिया है और भारत लौट आए हैं. एक-दो घंटे के अंदर तुर्की में अस्पताल बनाने के बाद हमने मरीज़ों का इलाज शुरू कर दिया था. हम तुर्की की सरकार और स्थानीय लोगों के शुक्रगुज़ार हैं।”
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