दिल्ली सरकार के मंत्रियों के खिलाफ सीबीआई और ईडी के एक्शन के बीच दिल्ली विधानसभा के सदस्यों के वेतन और भत्तों में 66 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की गई है. इसके साथ ही अब दिल्ली के विधायकों (Delhi MLA Salary) का वेतन भत्ता 54000 से बढ़ाकर 90 हजार रुपये कर दिया गया है. वहीं, मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, मुख्य सचेतक और विपक्ष के नेता के वेतन भत्ते को मौजूदा 72,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख 70 हजार रुपये प्रति माह कर दिया गया है।
पिछले साल जुलाई में विधायकों और मुख्यमंत्री की सैलरी बढ़ाने के दिल्ली विधानसभा के प्रस्ताव को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) ने मंजूरी दे दी है. इसके बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal Salary) की तनख्वाह में 100 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हो गई है।
दरअसल, राष्ट्रपति से स्वीकृति मिलने के बाद वेतन बढ़ने को लेकर विधि न्याय एवं विधायी कार्य विभाग द्वारा एक अधिसूचना जारी कर दी गई है. अब विधायकों और मुख्यमंत्री के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष और नेता विपक्ष की सैलरी भी बढ़ गई है।
गौरतलब है कि दिल्ली के विधायकों के वेतन में पिछले 11 वर्षों में यह पहली वृद्धि है. मंत्रियों, विधायकों, मुख्य सचेतक, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष और विधानसभा में विपक्ष के नेता के वेतन में वृद्धि के लिए पांच अलग-अलग विधेयक पेश किए गए थे. इन्हें राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया था और अब स्वीकृति मिलने के साथ ही यह प्रस्ताव प्रभावी हो गया है।
“प्रस्ताव केंद्र की राजनीति की भेंट चढ़ गया था”
आप विधायक संजीव झा ने कहा कि 2015 में हमने सैलरी-भत्ते में बढ़ोतरी का प्रस्ताव भेजा था, लेकिन उस प्रस्ताव के अनुरूप नहीं बढ़ोतरी हुई दूसरे राज्यों का देखें, तो तेलंगाना में 2.50 लाख, यूपी में 2.10 लाख और उत्तराखंड में 2.04 लाख विधायकों को वेतन-भत्ते मिलते है, दिल्ली में इन राज्यों की तुलना में कई गुना ज्यादा खर्च है उसी खर्च के हिसाब से प्रस्ताव भेजा गया था लेकिन जैसा दिल्ली के साथ होता रहा है, यह प्रस्ताव केंद्र की राजनीति की भेंट चढ़ गया।
बता दें कि एक विधायक को वर्तमान में 12,000 रुपये मासिक वेतन मिलता था और अब यह बढ़कर 30,000 रुपये हो गया है. इसके अलावा मुख्यमंत्री, मंत्रियों, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, मुख्य सचेतक और विपक्ष के नेता के बेसिक वेतन में 300 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए इसे 60,000 रुपये कर दिया गया है।
ऐसे में सभी सरकारी भत्तों को मिलाकर अब विधायकों की सैलरी 66 प्रतिशत बढ़कर 90000 रुपये हो गई है. वहीं मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत विधानसभा स्पीकर, डिप्टी स्पीकर और नेता विपक्ष की सैलरी 1,70,000 रुपये हो गई है।
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