‘मोदी सरनेम’ से जुड़े मानहानि के मामले में Rahul Gandhi को बड़ा झटका लगा है। राहुल गांधी के आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत दोषी ठहराया गया है। सूरत कोर्ट (Surat Court) ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को ‘मोदी सरनेम’ वाले बयान पर दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई है। हालांकि कोर्ट से राहुल गांधी को 30 दिन की जमानत मिल गई है। अब सवाल उठने लगा कि सजा के बाद क्या राहुल गांधी को अपनी लोकसभा सदस्यता गंवानी पड़ सकती है?
क्या कहता है कानून?
जनप्रतिनिधि कानून के मुताबिक अगर किसी भी सांसद या विधायक को किसी मामले में 2 या 2 साल से अधिक की सजा सुनाई जाती है तो उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो जाएगी। इतना ही नहीं सजा की अवधि पूरी करने के बाद छह वर्ष तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य भी होते हैं। इस कानून की धारा 8(3) में कहा गया है कि अगर किसी सांसद को दोषी ठहराया जाता है और दो साल से कम की कैद की सजा नहीं होती है तो उसे अयोग्य ठहराया जा सकता है।
क्या चली जाएगी राहुल गांधी की सांसद सदस्यता?
इस कानून की धारा 8(4) में यह भी कहा गया है कि दोषसिद्धि की तारीख से अयोग्यता तीन महीने बाद ही प्रभावी मानी जाती है। हालांकि 2013 में इस धारा को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया। इसका मतलब हुआ कि सिर्फ अपील दाखिल करने से कुछ नहीं होगा। सजायाफ्ता सांसद को ट्रायल कोर्ट की सजा के खिलाफ स्थगन का एक विशिष्ट आदेश सुरक्षित करना होगा। अगर सूरत कोर्ट से लोकसभा सचिवालय को इसकी जानकारी भेजी जाती है और लोकसभा स्पीकर उसे स्वीकार कर लेते हैं तो राहुल गांधी की सदस्या खत्म हो जाएगी। इतना ही नहीं वह सजा खत्म होने के बाद 6 साल तक चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे।
राहुल के पास क्या विकल्प?
राहुल गांधी के पास अपनी सदस्यता को बचाने के लिए अभी सारे रास्ते खत्म नहीं हुए हैं। सूरत कोर्ट के आदेश को राहुल हाईकोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। सूरत कोर्ट के फैसले पर स्टे लगने के बाद उनकी सदस्यता को खतरा नहीं रहेगा। हाई कोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का भी विकल्प बचा हुआ है।
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