साल 2017 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एक ट्वीट किया था जिसने विदेश में रह रहे भारतीयों का सीना गर्व से चौड़ा कर दिया था। ट्वीट में कुछ ऐसा लिखा था, ‘अगर आप मंगल ग्रह पर भी फंसे हैं, तो वहां भी भारतीय दूतावास आपकी मदद करेगा।’
मोदी सरकार ने जब-जब भारतीयों पर आंच आते देखा तो इस वचन को निभाया है। अब फिर उसके सामने इम्तिहान की घड़ी आई है। सूडान की राजधानी खार्तूम सहित देश के अन्य हिस्सों में हुई हिंसा में एक भारतीय समेत 300 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हिंसाग्रस्त देश में 3000 से ज्यादा भारतीय फंसे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अधिकारियों को संघर्ष-ग्रस्त देश में फंसे लगभग 3,000 भारतीय नागरिकों के लिए निकालने के लिए इमरजेंसी प्लान तैयार करने का निर्देश दिया।
पीएम मोदी ने शुक्रवार (21 अप्रैल) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सूडान में सुरक्षा हालात की समीक्षा बैठक की। सूडान में ईद से पहले हुए 72 घंटे के संघर्ष विराम की घोषणा के बीच प्रधानमंत्री ने भारतीय नागरिकों को निकालने और उन्हें सुरक्षित जगह पहुंचाने के लिए प्लान तैयार करने के निर्देश दिए हैं।
सूडान के हालात पर पीएम मोदी की बैठक
पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई इस हाई लेवल मीटिंग में विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, नौसेना और वायुसेना के प्रमुखों के साथ ही सूडान में भारत के राजदूत समेत कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। बैठक के दौरान पीएम मोदी ने सूडान में हाल के घटनाक्रमों का आकलन किया। साथ ही वहां रहे करीब 3,000 से अधिक भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और जमीनी हालात पर रिपोर्ट ली।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने अपने बयान में कहा कि बैठक के दौरान पीएम मोदी ने अधिकारियों से सूडान से भारतीयों को निकालने के प्लान, तेजी से बदलते सुरक्षा परिदृश्य और विभिन्न विकल्पों पर काम करने के लिए कहा। बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने सभी संबंधित अधिकारियों को सतर्क रहने, स्थिति पर बारीकी से निगरानी करने और सूडान में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा का लगातार मूल्यांकन करने और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया।
72 घंटे के संघर्ष विराम का ऐलान
इस बीच सूडान में RSF ने 72 घंटे के संघर्ष विराम की घोषणा की है। ऐसे में भारत समेत कई देश इस संघर्ष विराम के बीच युद्ध क्षेत्र में तब्दील हुई राजधानी ख़ारतूम और अन्य प्रभावित इलाकों से अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने का दरवाजा तलाश रहे हैं।
सूडान में फंसे हैं 3000 से ज्यादा भारतीय
अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, स्पेन, जापान और दक्षिण कोरिया उन देशों में शामिल हैं जो सूडान से अपने नागरिकों को निकालने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। दरअसल, सूडान में पिछले कुछ दिनों से चल रहे गृहयुद्ध की स्थिति भयावह होती जा रही है। वहां सेना और पैरामिलिट्री फोर्स के बीच जंग चल रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों के अनुसार, हिंसा में अब तक 413 लोग मारे गए हैं और 3551 घायल हुए हैं। इस बीच सूडान में कई भारतीय भी फंसे हैं। इसमें कर्नाटक के 31 आदिवासी समुदाय के लोग भी शामिल हैं।
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