खलिस्तानी शब्द क बार फिर से चर्चा में बना हुआ है ..सबसे पहले तो एक साल तक चले किसान आंदोलन में खलिस्तानियों का जिक्र हुआ …..और आज एक बार फिर से खलिस्तानियों का यह मुद्दा पटियाला में हिंसा का विषय बन गया है …..पटियाला में बीते दिनों जो कुछ भी हुआ वो हर तरह से निंदनीय है …लेकिन यहां गौर करने वाली बात यह है कि धर्म, समुदाय, संस्कृति के नाम पर दंगे और हिंसा इस देश में कम होने का नाम ही नहीं ले रहे है …पटियाला में बीते दिनों क्या कुछ हुआ .आए इसे इस रिपोर्ट से समझते है …
पटियाला में खलिस्तानी विरोध मार्च के दौरान हिंदू और सिख संगठनों का आपस में भिड गए…. …दरअसल, हिंदू समुदाय के लोग खलिस्तान विरोधी मार्च निकाल रहे थे …जैसे ही इसकी भनक सिख संगठनों को लगी ..वैसे ही उन्होंने इसका विराध करना शुरू कर दिया …विरोध इस कदर बढ़ गया कि दोनों पक्षों के बीच तलवारें तक चल गई …इस पूरे घटनाक्रम में पटियाला एसएसओ के हाथ में गंभीर चोंटे आई …साथ ही कुछ खलिस्तानी समर्थकों में काली माता मंदिर में प्रवेश करके मंदिर परिसर को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की …इसे लेकर हिंदू संगठनों में गुस्सा इस कदर चढ़ा कि उन्होंने 30 अप्रैल को बंद का एलान कर दिया ….हिंदू संगठन उन तमाम लोगों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे है जिन्होंने मंदिर परिसर को नुकसान पहुंचाया है …पटियाला बंद के ऐलान के बाद सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया ..साथ ही कोई गलत अफवाह न फैले इसके लिए 9 से 6 बजे कर पटियाला में इंटरनेट और एसएमएस सेवा को भी बाधित कर दिया गया ….
– पटियाला में जो कुछ भी हुआ उसे लेकर पंजाब के सीएम भगवंत मान भी पूरे एक्शन मोड में नजर आए….तुरंत ही पटियाला के 5 पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया …साथ ही सभी दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई के निर्देश भी दिए है …लेकिन भगवंत मान का यह भी कहना है कि पटियाला में हुई हिंसा खलिस्तानियों और शिवसेना कार्यकर्ताओं के बीच हुर्ई…..इसे किसी धर्म विशेष या जाति से जोड़कर देखना नहीं चाहिए …
फाइनल वीओ – खैर, इसमें तो कोई दो राय नहीं कि पटियाला में बीते दिनों जो कुछ भी हुआ वो बेहद शर्मनाक था ..लेकिन यहा बड़ा सवाल यह उठता है कि पलिस को दो पक्षों के बीच की इस टकराव की खबरें बीते कई दिनों से मिल रही थी ..इसके बावजूद पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से मुस्तैद क्यों नहीं की. इंटेलिजेंस लगातार पुलिस को इन बातों को लेकर आगाह कर रहा था लेकिन फिर भी पुलिस ने इस मामले को इतने हल्के में क्यों लिया ? …इसकी जांच अवश्य होनी चाहिए ….लेकिन अब देखना यह है कि आखिर इस देश में धर्म, सुमदाय और जातियों के नाम पर होने वाली हिंसा कहा और कब जाकर थमेगी ?
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