Gyanvapi Controversy: इलाहाबाद हाईकोर्ट में आज बुधवार ज्ञानवापी मामले में सुनवाई हुई। दरअसल, हिंदू पक्ष की तरफ से परिसर में स्थित वजूखान का सर्वे कराने की मांग की गई थी। इस मामले में कोर्ट ने वजू खाने का एएसआई से वैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुद्दे को विचार करने को मान रहा है। हाईकोर्ट ने याचिका पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी सहित अन्य विपक्षियों को नोटिस जारी कर दिया है।
ज्ञानवापी विवादित मामले में याचिका दाखिल
बता दे कि हाईकोर्ट में ज्ञानवापी विवादित परिसर के मामले की याचिका दाखिल की गई थी। जिसमें परिसर में मौजूद वजूखाने का सर्वे कराए जाने की मांग की गई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट में बुधवार को जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने वजू खाने का एएसआई से वैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुद्दे को विचारकर रहा है। इसी मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिका पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी सहित अन्य विपक्षियों को नोटिस जारी कर दिया है।
दायर की गई थी पुनरीक्षण याचिका
गौरतलब है कि श्रृंगार गौरी का केस दाखिल करने वाली राखी सिंह की तरफ से पुनरीक्षण याचिका दाखिल की गई है। इसमें उन्होंने कहा कि श्रृंगार गौरी केस का निपटारा होने के लिए वजू खाने का भी सर्वे कराया जाना बेहद जरूरी है। एएसआई ने जिस तरह से विवादित परिसर के बाकी हिस्सों का सर्वेक्षण किया है। उसी तरह उसे वजूखाने के भी सर्वे की याचिका में मांग की गई है।
दो साल पहले कोर्ट ने नहीं दिया वजूखाने के सर्वे का आदेश
बता दे कि शिवलिंग मिलने के दावे के बाद वाराणसी के सिविल जज के आदेश पर वजू खाने को साल 2022 के मई महीने में सील कर दिया गया था। इस दौरान सुनवाई में दलील दी गई है कि वजू खाने के सर्वे से 15 अगस्त 1947 को जो स्थिति थी उसका सही सही पता चलेगा। याचिका के जरिए वाराणसी के जिला जज की कोर्ट के 21 अक्टूबर 2023 के फैसले को चुनौती दी गई है। पिछले साल वाराणसी जिला जज ने अपने फैसले में वजू खाने का सर्वे कराए जाने का आदेश देने से इंकार कर दिया था। इस मामले में याची राखी सिंह के अधिवक्ता सौरभ तिवारी ने पक्ष रखा।
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