Maharajganj News: उत्तर प्रदेश के महाराजगंज का भारत-नेपाल सोनौली बॉर्डर तस्करों के लिए सेफ रूट बनता जा रहा है। यहाँ कुछ ऐसा हुआ है जिससे सुरक्षा एजेंसियों के होश उड़ गए। दरअसल, सोनौली बॉर्डर से तीन चरणों में 10 घंटे के भीतर चरस की बड़ी खेप पकड़ी गयी है, जिससे सभी हैरान है।
बता दे कि SSB व नारकोटिक्स कंट्रोल विभाग की टीम ने 119 किलो चरस यानी लगभग 90 करोड़ चरस के साथ पांच महिलाओं समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं, तीन अलग-अलग स्थानों पर हुई कार्रवाई में पकड़े गए आरोपियों में चार भारतीय और चार नेपाली नागरिक हैं। सभी चरस लेकर दिल्ली जा रहे थे।
दरअसल, SSB 22वीं एवं 66वीं वाहिनी और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो लखनऊ इंस्पेक्टर पंकज कुमार के नेतृत्व में टीम सोनौली मुख्य सीमा सहित कोतवाली क्षेत्र के पगडंडियों पर निगहबानी तेज कर दी। सुबह करीब पांच बजे श्याम काट बगीचे के पास नेपाल की तरफ से एक युवक आता दिखा। टीम के रोकने पर वो भागने लगा। जवानों ने दौड़ाकर उसे पकड़ लिया। उसके झोले की तलाशी लेने पर नौ किलो 898 ग्राम चरस बरामद हुआ। वहीं, पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम राम बहादुर खत्री निवासी दांग नेपाल बताया है।
इसके साथ ही, पुलिस और खुफिया एजेंसियों के सर्तक और सघन जांच के बाद भी इतनी बड़ी खेप बरामद होने से अब सवाल भी उठ रहे हैं। जिसे लेकर अब ये बॉर्डर चर्चा में आ गया है। पहले भी इस बॉर्डर का प्रयोग डी गैंग के गुर्गे धड़ल्लेन के साथ करते रहे हैं। छोटा राजन से लेकर मिर्जा दिलशाद बेग, म्यूपजिक डायरेक्ट्र गुलशन कुमार की हत्या करने वाले परवेज टांडा जैसे आतंकी और कई बड़े माफिया भी इसी बार्डर का इस्तेमाल कर नेपाल में शरण लेते रहे हैं। वहीं पाकिस्तान की सीमा हैदर भी इसी रास्ते से नोएडा तक पहुंच गई थी। अब ये बॉर्डर पर लोगों के सवालिया निशानों के घेरे में है।
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