Rangbhari Ekadashi 2024: रंगों का त्यौहार होली का अवागम होने वाला है। ऐसे में होली को लेकर तैयारियां जोरो शोरो से की जा रही है। होली के पहले हर साल रंगभरी एकादशी काशी विश्वनाथ मंदिर में मनाई जाती है और इस बार काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए स्पेशल रंगों को मथुरा में कैदी बना रहे हैं। क्यों मनाया जाता है रंगभरी एकादशी?
हम आपको यह सब कुछ बताएंगे रंगभरी एकादशी पर काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत आवास टेढ़ी नेम से काशी विश्वनाथ धाम तक निकाले जाने वाली पालकी यात्रा में लाखों की संख्या में भक्त शामिल होते हैं। रंगभरी एकादशी कों बाबा काशी विश्वनाथ के गौना के रूप में मनाया जाता हैं। इस विशेष दिन बाबा काशी विश्वनाथ सपरिवार पालकी पर सवार होकर काशी विश्वनाथ मंदिर तक पहुंचते हैं। इस दौरान पूर्व महंत आवास से लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर तक हजारों क्विंटल अबीर और गुलाल उड़ाए जाते हैं।
काशी विश्वनाथ में खेली जाएगी होली
मान्यता है कि इस दिन काशी वाले बाबा काशी विश्वनाथ व माता गौरा के साथ होली खेलते हैं और इस बार खासतौर पर यह अबीर- ग़ुलाल काशी के साथ-साथ मथुरा और अयोध्या से भी पहुंच रही है। रंगभरी एकादशी के अवसर पर यह हर्बल गुलाल महंत आवास से विश्वनाथ मंदिर के बीच में मौजूद रहने वाले भक्तों के बीच में वितरित किया जाएगा। बाबा की पालकी पर जगह-जगह भक्तों द्वारा पुष्प वर्षा की जाएगी और उनके साथ होली भी खेली जाएगी 22 जनवरी के दिन अयोध्या प्रभु राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं। ऐसे में देश दुनिया के लिए प्रमुख तीर्थ स्थल के तौर पर अयोध्या देखा जा रहा है।
अयोध्या से भेजा जाएगा अबीर गुलाल
मिली जानकारी के अनुसार, अयोध्या से कर्मकांडी ब्राह्मण आचार्य अनिल तिवारी ने भगवान शिव और माता पार्वती के गौना के लिए विशेष अबीर भेजने की स्वीकृति दी है। उन्होंने कहा है कि अयोध्या में श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की खुशी में यह पहल की गई है और अब प्रतिवर्ष बाबा काशी विश्वनाथ के लिए उनके अनन्य प्रिय श्री राम की नगरी अयोध्या से अबीर गुलाल भेजा जाएगा। पूर्व महंत परिवार के प्रतिनिधि पंडित वाचस्पति तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि माता पार्वती और भगवान शंकर के गौना उत्सव के रूप में मनाए जाने वाले रंगभरी एकादशी के दिन को लेकर मथुरा जेल में बंद कैदियों द्वारा खास गुलाल तैयार किया जा रहा है।
कुदरती सामान से बनाया जा रहा गुलाल
जेल में अरारोट में सब्जियों को मिलाकर हर्बल गुलाल बनाया जा रहा है। हर्बल गुलाब बनाने के लिए अरारोट में पालक को पीसकर प्राकृतिक हरा रंग निकालकर इसे तैयार किया जा रहा है। ठीक इसी प्रकार मेथी को पीसकर हल्का हरा रंग, चुकंदर को पीसकर लाल रंग, हल्दी पाउडर का प्रयोग करके पीला गुलाल तैयार किया जा रहा है। इसमें खुशबू के लिए इत्र का प्रयोग किया जा रहा है। यह गुलाल काशी पहुंच रही है जहाँ रंगभरी एकादशी के दिन बाबा काशी विश्वनाथ सपरिवार भक्तों के साथ होली खेलेंगे।
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