Andhra Pradesh: आंध्र प्रदेश के चौथी बार मुख्यमंत्री बने तेलुगु देशम पार्टी के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू पर बदले की राजनीति का आरोप लग रहा है। शनिवार, 22 जून की सुबह पूर्व-मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के निर्माणाधीन ऑफिस को गिरा दिया गया। इसके बाद जगन मोहन रेड्डी ने राज्य सरकार पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए चंद्रबाबू नायडू को तानाशाह बताया।
कार्रवाई को रोकने का आदेश
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार सुबह साढ़े पांच बजे आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण ने गुंटूर के तड़ेपल्ली में बन रहे YSRCP के केंद्रीय कार्यालय पर बुलडोजर से गिरवा दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले दिनों इस मामले में YSRCP को APCRDA की ओर से एक नोटिस मिला था। इसके खिलाफ YSRCP ने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस मामले में अदालत ने 10 जून को किसी भी तरह की तोड़फोड़ और कार्रवाई को रोकने का आदेश दिया था। यह आदेश YSRCP के एक वकील द्वारा APCRDA के आयुक्त को भी दिया गया था। फिर भी अदालत के आदेश के बाद निर्माणाधीन ऑफिस पर बुलडोजर चलवा दिया गया। YSRCP का आरोप है कि ऐसा करके APCRDA ने अदालत की अवमानना की है।
निर्माणाधीन कार्यालय पर चलवा दिया बुलडोजर
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, YSRCP का निर्माणाधीन केंद्रीय कार्यालय अवैध रूप से कब्जे वाली जमीन पर बनाया जा रहा था। YSRCP ने कहा कि मामला अभी अदालत में विचाराधीन था और फिर भी TDP सरकार ने उसके निर्माणाधीन कार्यालय पर बुलडोजर चलवा दिया।
जगन मोहन रेड्डी ने X पर किया पोस्ट
मामले को लेकर जगन मोहन रेड्डी ने X पर पोस्ट किया और लिखा कि ‘आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू प्रतिशोध की राजनीति को एक नए स्तर पर ले गए। एक तानाशाह की तरह उन्होंने लगभग पूरा बने चुके YSRCP के केंद्रीय कार्यालय पर बुलडोजर चला दिया। हाई कोर्ट के आदेश की अनदेखी की गई। राज्य में कानून और न्याय तंत्र पूरी तरह से समाप्त हो गया है।’
जगन मोहन रेड्डी ने आगे लिखा कि ‘चुनाव के बाद हो रही हिंसक घटनाओं और खून-खराबे ने इसके संकेत दे दिए हैं कि चंद्रबाबू नायडू सरकार के पांच साल का शासन कैसा रहने वाला है। इन धमकियों, हिंसा के इन कृत्यों से YSRCP न तो झुकेगी और न ही पीछे मुड़कर देखेगी। हम जनता की ओर से, जनता के लिए और जनता के साथ कड़ा संघर्ष करेंगे। मैं देश के सभी लोकतंत्रवादियों से अनुरोध करता हूं कि वे चंद्रबाबू नायडू सरकार के इस कृत्य की निंदा करें।’
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