Om Prakash Rajbhar : सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय प्रमुख ओमप्रकाश राजभर की मुसीबतें बढ़ रही हैं। उनकी ही पार्टी में बागवत का शोर सुनाई दिया है। ओपी राजभर की पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष शशि प्रताप सिंह ने पार्टी को छोड़कर दूसरे दल का निर्माण करने का ऐलान किया है। इतना ही नही शशि प्रताप सिंह पार्टी छोड़ने के साथ ही सैकड़ो पुराने कार्यकर्ताओ को भी अपने साथ ले गए है।
उनका आरोप है कि पार्टी के प्रेसीडेंट ओमप्रकाश राजभर परिवारवाद को बढ़ावा देते रहते हैं। वे देश के सबसे बड़े झूठे नेता हैं। यानी सुभासपा के अब दो फाड़ होने की तैयारी हो चुकी है। ऐसे में जब उनके सबसे बड़े सहयोगी दल सपा से खटपट की सूचना आ रही हो तो यह खबर सुभासपा के लिए मुसीबत का सबब बनने वाली हैं।
मई में ही राजभर ने शशि प्रताप सिंह को प्रवक्ता पद से हटाया था –
Om Prakash Rajbhar : ओम प्रकाश राजभर के सबसे पुराने और सबसे विश्वस्त सहयोगी शशि प्रताप सिंह ने सोमवार को अपनी नई पार्टी का ऐलान किया। राष्ट्रीय समता पार्टी का ऐलान करते ही वह पूरी तरह से ओम प्रकाश राजभर पर हमलावर नजर आए। उन्होंने ओम प्रकाश राजभर को प्रदेश का सबसे झूठा व्यक्ति करार दिया। साथ ही शशि प्रताप सिंह ने कहा कि उनके संपर्क में कई विधायक भी हैं, जो उनके साथ आएंगे।
शशि प्रताप सिंह यहीं नहीं रुके उन्होंने ओम प्रकाश राजभर को धृतराष्ट्र तक की संज्ञा दे दी और कहा कि पुत्र मोह में ओम प्रकाश राजभर धृतराष्ट्र बन चुके हैं। आज तो बस शुरुआत हुई है, अभी पूरी फिल्म दिखाना बाकी है। सोमवार को सुभासपा के कई पदाधिकारी और सैकड़ो कार्यकर्ताओ ने भी ओपी राजभर का साथ छोड़ दिया।
Om Prakash Rajbhar : 2022 के विधानसभा चुनाव में शिवपुर सीट सपा गठबंधन के तहत सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के खाते में आई थी। इस सीट से बीजेपी के अनिल राजभर के खिलाफ शशि प्रताप सिंह खुद चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन ओम प्रकाश राजभर ने इस सीट से अपने बेटे अरविंद राजभर को गठबंधन का उम्मीदवार बनाया था।
चुनाव के दौरान ही ओम प्रकाश राजभर और अरविंद राजभर की ओर से शशि प्रताप सिंह की जबरदस्त अनदेखी की गई। इस बात से शशि प्रताप लगातार नाराज चल रहे थे। मई के महीने में ज्ञानवापी मस्जिद मामले में शशि प्रताप सिंह ने एक बयान हिन्दू पक्ष के समर्थन में दिया था, जिसके बाद ओम प्रकाश राजभर ने शशि प्रताप सिंह को पार्टी प्रवक्ता के पद से हटा दिया था, तभी से शशि प्रताप सिंह के बारे में पार्टी छोड़ने के कयास लागये जा रहे थे।
यह भी पढ़ें : Malala Yousafzai के जन्मदिन पर हर वर्ष मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय मलाला दिवस, जानें आज का इतिहास
466 total views, 1 views today