Delhi : दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का प्रमुख यासीन मलिक इन दिनों भूख हड़ताल पर है। यासीन मलिक का कहना है कि उसपर जो मामला विचाराधीन चल रहा है, उसकी सही तरीके से जांच नहीं की जा रही है। इसके चलते वह बीते शुक्रवार से भूख हड़ताल पर है।
हालांकि इस दौरान जेल के वरिष्ठ अधिकारी भी उससे मुलाकात करने पहुंचे और भूख हड़ताल खत्म करने को कहा लेकिन यासीन मलिक ने इनकार कर दिया। यासीन मलिक इन दिनों तिहाड़ जेल के कारागार संख्या-7 में बंद है।
गवाहों से खुद जिरह करना चाहता है यासीन मलिक –
Delhi : प्रतिबंधित जेकेएलएफ के सरगना यासीन मलिक ने 13 जुलाई को यहां एक सीबीआई अदालत से कहा कि वह पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबिया सईद के अपहरण से जुड़े मामले में प्रत्यक्ष रूप से पेश होकर गवाहों से खुद जिरह करना चाहता है।
जेल प्रशासन मलिक को मनाने कई कोशिश की लेकिन वह अपनी जिद पर अड़ा हुआ है। हड़ताल खत्म नहीं होने पर जेल प्रशासन की तरफ से सरकारी एजेंसियों को भी इस बात की सूचना दे दी है।
Delhi : आपको बता दें कि यासीन मलिक तिहाड़ की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद है। आतंकी को वहां पर रोज ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर दिया जाता है। शुक्रवार जब जेल कर्मी ब्रेकफास्ट लेकर पास पहुंचे तो उसने इसे खाने से मना कर दिया। साथ ही कहा कि वह भूख हड़ताल पर है। यह जानकारी तुरंत जेल के आला अधिकारियों को दी गई।
जम्मू-कश्मीर लिबिरेशन फ्रंट का चीफ यासीन मलिक की भूख हड़ताल के बाद जेल प्रशासन अलर्ट हो गया है। जेल में उसकी सुरक्षा इंतजाम और कड़ी कर दी गई है। इसके साथ ही मेडिकल टीम भी अलर्ट पर रखी गई है। यदि उसकी तबीयत बिगड़ती है तो तत्काल इलाज मुहैया कराया जा सके।
Delhi : आपको बता दें कि यासीन मलिक जम्मू-कश्मीर में 1990 के दशक में हुई अलगाववादी हिंसा के प्रमुख सूत्रधारों में से एक था। मलिक जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का चेयरमैन है। मई 2022 में उसको आपराधिक षडयंत्र रचने और राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने से जुड़े मामलों में दोषी ठहराया गया। अब वह आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। इसके अलावा उस पर विभिन्न धाराओं के तहत 10 लाख 75 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
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