Allahabad High Court : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीसीएस प्री 2021 परीक्षा (Pcs pre exam 2021) का परिणाम उस सीमा तक रद्द कर दिया है, जहां तक पूर्व सैनिकों को पांच प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जा सके। कोर्ट ने लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश को निर्देश दिया है कि पूर्व सैनिकों को पांच प्रतिशत आरक्षण का लाभ देते हुए नए सिरे से परिणाम जारी किया जाए और परिणाम जारी होने के एक माह के भीतर उन्हें मुख्य परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र जारी किया जाए। जस्टिस संगीता चंद्रा की एकलपीठ ने सतीश चंद्र शुक्ल व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है।
याचिका में कहा गया था कि वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के बाद राज्य सरकार ने पूर्व सैनिकों को दिए जाने वाले आरक्षण में बदलाव किया था। पूर्व सैनिकों को 5 फ़ीसदी आरक्षण देने की व्यवस्था की गई थी, लेकिन इसमें ग्रुप ए और बी को हटा दिया गया।
इंटरव्यू में अब कुछ नए लोगों को भी बुलाना होगा –
Allahabad High Court : इस मामले में सरकार की ओर से कोर्ट में जवाब दाखिल किया गया कि सरकार इस मुद्दे पर विचार कर रही है। उसके बाद राज्य सरकार ने आरक्षण अधिनियम में एक और संशोधन किया। ग्रुप बी सर्विस को भी आरक्षण के दायरे में ला दिया। इसकी अधिसूचना 10 मार्च 2021 को गजट में प्रकाशित कर दी गई। इस दौरान 5 फरवरी 2021 को पीसीएस का विज्ञापन जारी हुआ है। यूपी लोक सेवा आयोग ने पीसीएस 2021 परीक्षा के आवेदन की अंतिम तिथि 17 मार्च तक बढ़ा दी थी।
याचिका में आरोप लगाया गया है कि अधिसूचना प्रकाशित हो चुकी थी उसके बावजूद पूर्व सैनिकों को आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया। हालांकि पीसीएस 2021 की मेंस परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों का 21 जुलाई से इंटरव्यू शुरू हो चुका है। जिसमें 623 पदों के लिए 1285 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया है।
Allahabad High Court : प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम रद्द होने से इंटरव्यू भी प्रभावित होगा। इंटरव्यू में अब कुछ नए लोगों को भी बुलाना होगा। इस वजह से अंतिम नतीजे जारी होने में कुछ महीनों का वक्त लग सकता है। प्रारंभिक परीक्षा के नतीजे रद्द किए जाने से यूपी पीएससी की कार्यप्रणाली पर एक बार फिर सवालिया निशान खड़े हुए हैं।
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