Taiwan : चीन लगातार धमकी दे रहा था और ऐसा लग रहा था कि नैंसी पेलोसी एशिया दौरे में शायद ताइवान नहीं जाएंगी। नैंसी पेलोसी के आने की अटकलों के बीच चीन ने सैन्य टकराव की भी धमकी दी थी लेकिन इसका कोई असर नहीं हुआ।
अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी अपने दौरे के दूसरे दिन बुधवार को ताइवान की संसद पहुंचीं। इससे पहले उन्होंने राष्ट्रपति साई इंग वेन से मुलाकात की। संसद में पेलोसी को ताइवान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ प्रॉपिटियस क्लाउड्स विद स्पेशल ग्रैंड कॉर्डन’ से सम्मानित किया गया।
Taiwan : पेलोसी ने कहा- सुरक्षा के मुद्दे पर अमेरिका ताइवान का साथ देगा। हम हर पल उनके साथ है। हमें ताइवान की दोस्ती पर गर्व है। उन्होंने कहा कि अमेरिका ने 43 साल पहले ताइवान के साथ खड़े रहने का जो वादा किया था, वो उस पर आज भी अडिग है।
इधर, पेलोसी की विजिट से बौखलाए चीन ने ताइवान के लिए आर्थिक परेशानियां खड़ी करना शुरू कर दिया है। चीनी सरकार ने ताइवान को नेचुरल सैंड के देने पर रोक लगा दी है। इससे ताइवान को काफी नुकसान हो सकता है। कोरोना महामारी के बाद से कंस्ट्रक्शन और इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट ताइवान के लिए इनकम का सोर्स बन गया है। ऐसे में रेत का निर्यात रोकने से ताइवान को आर्थिक नुकसान होगा। 1 जुलाई को भी चीन ने ताइवान के 100 से ज्यादा फूड सप्लायर से आयात (इम्पोर्ट) पर प्रतिबंध लगाया था।
Taiwan : रिपोर्ट्स के मुताबिक, धमकियों के बाद अमेरिका और ताइवान की सेनाएं चीन से निपटने के लिए तैयार हैं। अमेरिकी नेवी के 4 वॉरशिप हाईअलर्ट पर हैं और ताइवान की समुद्री सीमा में गश्त कर रहे हैं। इन पर एफ-16 और एफ-35 जैसे हाईली एडवांस्ड फाइटर जेट्स और मिसाइलें मौजूद हैं। रीपर ड्रोन और लेजर गाइडेड मिसाइलें भी तैयार हैं। अगर चीन की तरफ से कोई हिमाकत की गई तो अमेरिका और ताइवान उस पर दोनों तरफ से हमला कर सकते हैं।
कहा जा रहा है कि चीन ने कार्रवाई के लिए लॉन्ग रेंज हुडोंग रॉकेट और टैंक तैयार रखे हैं। उसके पास ताइवान स्ट्रेट में दूसरे मिलिट्री इंस्टॉलेशन्स भी हैं। इनका इस्तेमाल वो कर सकता है। अमेरिकी फौज की इन हरकतों पर पैनी नजर है। USS रोनाल्ड रीगन वॉरशिप और असॉल्ट शिप हाईअलर्ट पर हैं।
Taiwan : 2 अगस्त को ताइवान पहुंचने पर पेलोसी ने कहा था- अमेरिका ताइवान की डेमोक्रेसी का समर्थन जारी रखेगा। ताइवान के 2.30 करोड़ नागरिकों के साथ अमेरिका की एकजुटता आज पहले से कहीं अधिक अहम है, क्योंकि दुनिया ऑटोक्रेसी (निरंकुशता) और डेमोक्रेसी के बीच एक विकल्प का सामना कर रही है। वहीं, चीन ने इस दौरे की निंदा करते हुए कहा है कि US आग से खेलना बंद करे।
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