INS Vikrant : 20 हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ INS विक्रांत 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है। इस लिहाज से इसके फ्लाइट डेक का आकार फुटबॉल के दो मैदानों के बराबर हो जाता है।
INS Vikrant : भारत का पहला विमानवाहक पोत ‘INS विक्रांत’ नौसेना में शामिल होने जा रहा है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे देश को समर्पित करेंगे। खास बात है कि इस उपलब्धि के साथ ही भारत उन देशों के एलीट समूह में शामिल हो जाएगा, जो एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने में सक्षम हैं। फिलहाल, इन देशों की सूची में अमेरिका, रूस, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम और चीन का नाम शामिल है। इतना ही नहीं यह दुनिया का 7वां सबसे बड़े कैरियर होगा। अब इसके बारे में विस्तार से समझते हैं।
आकार, प्रकार और रफ्तार
INS Vikrant: 20 हजार करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ INS विक्रांत 262 मीटर लंबा और 62 मीटर चौड़ा है। इस लिहाज से इसके फ्लाइट डेक का आकार फुटबॉल के दो मैदानों के बराबर हो जाता है। यह वाहक एक 28 नॉट्स की अधिकतम रफ्तार के साथ एक बार में 7 हजार 500 नॉटिकल मील (करीब 14 हजार किमी) की दूरी तय कर सकता है। भारत के समुद्री इतिहास में देश में तैयार हुआ यह पहला इतना विशाल जहाज है। खास बात है कि इसका नाम भारत के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर के नाम पर ही रखा गया है। जिसने पाकिस्तान के खिलाफ हुए 1971 के युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी।
क्रू के लिए कैसी है। व्यवस्था, महिलाओं के लिए खास इंतजाम
INS Vikrant: इस विशाल जहाज में कुल 18 फ्लोर हैं। जिनमें 2400 कंपार्टमेंट्स का निर्माण हुआ है। यहां 1600 स्ट्रॉन्ग क्रू रह सकती है। इसमें महिलाओं की जरूरतों के हिसाब से खास कैबिन बनाए गए हैं। खास बात है कि INS विक्रांत पर एक आधुनिक सुविधाओं से लैस एक किचन है। जिसमें मौजूद एक यूनिट प्रति घंटा 3 हजार रोटियां तैयार कर सकती है।
INS Vikrant: इसके मेडिकल कॉम्प्लैक्स में आधुनिक ऑपरेशन थिएटर के साथ 16 बिस्तर मौजूद हैं। साथ ही यहां फिजियोथैरेपी क्लीनिक, आईसीयू, पैथोलॉजी, सीटी स्कैनर और एक्स-रे मशीनों के साथ रेडियोलॉजी विंग, डेंटल और आइसोलेशन सुविधाएं मौजूद हैं।
कितने विमानों की है क्षमता
INS Vikrant: INS विक्रांत पर 30 विमानों का समूह रह सकता है। मिग-29के लड़ाकू विमान, कामोव-31 हेलीकॉप्टर्स, एमएच-60आर मल्टी रोल हेलीकॉप्टर्स और हल्के लड़ाकू विमान शामिल हैं। समुद्र में दुश्मनों को पटखनी देने के लिए इस कैरियर पर ब्रह्मोस मिसाइल भी तैनात हो सकेगी। यह एक मिडियम रेंज मिसाइल है। जिसे सबमरीन, जहाज, कैरियर या धरती से भी लॉन्च किया जा सकता है।
निर्माण की कहानी और भविष्य की तैयारी
INS Vikrant: नौसेना ने जानकारी दी है कि इसके निर्माण में 76 फीसदी स्वदेशी चीजों का इस्तेमाल हुआ है। 20 हजार करोड़ रुपये में INS विक्रांत को तैयार करने में 2 हजार सीएसएल कर्मी और अप्रत्यक्ष रूप से 13 हजार अन्य लोग भी शामिल रहे। INS विक्रांत के फ्लाइट ट्रायल्स नवंबर तक शुरू हो जाएंगे और यह कैरियर साल 2023 के मध्य तक संचालन के लिए पूरी तरह तैयार होगा।
INS Vikrant: खबर है कि कैरियर एंटी सबमरीन वॉरफेयर, एंटी सर्फेस, एंटी एयर वॉरफेयर जैसे कई आधुनिक सिस्टम से लैस है। इनकी मदद से यह आसपास आने वाले खतरों को आसानी से भांप सकता है और उनका मुंहतोड़ जवाब दे सकता है।
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