अगले महीने कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होने वाले हैं। लेकिन इससे पहले ही इस चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठने लगे हैं। यह सवाल किसी विपक्षी पार्टी के द्वारा नहीं बल्कि खुद कांग्रेसी नेताओं ने खड़े किए हैं। सांसदों ने मतदाता सूची को सार्वजनिक करने की मांग की थी।
चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता को लेकर वरिष्ठ नेता शशि थरुर, मनीष तिवारी समेत पाँच सांसदों ने मधुसूदन मिस्त्री को पत्र लिखा था। वहीं, कांग्रेस ने आंतरिक चुनावों के लिए अपनी मतदाता सूची को सार्वजनिक नहीं करने का फैसला लिया है। सिर्फ उम्मीदवारों को मतदाता सूची उपलब्ध कराई जाएगी। मधुसूदन मिस्त्री कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख हैं।
आपको बता दें कि पार्टी सांसद शशि थरूर, मनीष तिवारी, कार्ति चिदंबरम, प्रद्युत बारदोलाई आर अब्दुल खालिक ने मधुसूदन मिस्त्री को पत्र लिखकर मतदाता सूची को सार्वजनिक करने की मांग की थी।
दरअसल पार्टी के अध्यक्ष पद के चुनाव में एआईसीसी डेलीगेट्स और मेंबर्स वोट करते हैं, लेकिन पार्टी ने अब तक इनकी लिस्ट जारी नहीं की है। सांसदों ने मिस्त्री से यह भी कहा कि वोटर लिस्ट जारी करने की उनकी मांग को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। उन्होंने अपने संयुक्त पत्र में लिखा था, ‘हम यह सुझाव बिल्कुल नहीं दे रहे कि पार्टी किसी भी सीक्रेट डॉक्यूमेंट को सार्वजनिक करे। बल्कि हम चाह रहे हैं कि चुनाव लड़ने वाले संभावित कैंडिडेट्स को लिस्ट मिले।’
इनमें से दो सांसद शशि थरूर और मनीष तिवारी कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के समूह G-23 का हिस्सा हैं। इस समूह के अन्य सदस्यों में शामिल कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद, जितिन प्रसाद, अश्विनी कुमार, आरपीएन सिंह कांग्रेस पार्टी छोड़ चुके हैं।
जितिन प्रसाद और आएपीएन सिंह भाजपा में शामिल हो चुके हैं, जबकि कपिल सिब्बल सपा से राज्यसभा पहुंच गए हैं। गुलाम नबी आजाद अपनी खुद की पार्टी बनाने वाले हैं। वह इन दिनों जम्मू-कश्मीर में अपनी राजनीति जमीन तलाश रहे हैं।
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