भारतीय रुपया शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पहली बार 81 के लेवल से भी नीचे चला गया। रुपया 81.13 प्रति डॉलर के भाव पर ट्रेड कर रहा है। यह घरेलू करेंसी के लिए अबतक का सबसे कमजोर स्तर है। गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपया भारी गिरावट के साथ 80.86 के स्तर पर बंद हुआ था। विशेषज्ञों के अनुसार, डॉलर के मुकाबले रुपया 81 या 81.50 के स्तर तक जा सकता है।
जबकि अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में उछाल के कारण 10 साल का बॉन्ड यील्ड 6 बेसिस प्वॉइंट उछलकर 2 महीने के उच्च स्तर 3.719 फीसदी पर पहुंच गया है। बता दें कि यूएस फेड ने सिंतबर महीने की पॉलिसी में ब्याज दरों में 75 बेसिस प्वॉइंट का इजाफा किया है और आगे भी सख्ती के संदेश दिए हैं। इससे डॉलर को सपोर्ट मिलेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा था कि सरकार विनिमय दर (Exchange Rate) और महंगाई पर नजर बनाए हुए है और उचित कदम उठा रही है।
अमेरिकी डॉलर इंडेक्स (US Dollar Index) 111 के ऊपर बना हुआ है और दो साल की अवधि वाले अमेरिकी बॉन्ड की यील्ड कई वर्षों के उच्च स्तर 4.1 प्रतिशत से ऊपर है। इन कारणों से शुक्रवार को पहली बार डॉलर के मुकाबले रुपया गिरावट के साथ रिकॉर्ड निम्न स्तर 81.23 पर आ गया।
एक रिपोर्ट के अनुसार, विदेशी मुद्रा कारोबारियों (Forex Traders) ने कहा कि अमेरिका के फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में की गई 75 आधार अंकों की बढ़ोतरी और यूक्रेन में भू-राजनीतिक जोखिम बढ़ने का असर भी रिस्क उठाने की क्षमता पर पड़ा है। यही वजह है कि विदेशी बाजारों में अमेरिकी मुद्रा मजबूत हुई है। घरेलू इक्विटी मार्केट का स्थिर ट्रेंड, निवेशकों की जोखिम उठाने की क्षमता में कमी और क्रूड ऑयल की कीमतों में आई तेजी का असर रुपये पर पड़ा है।
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