रूस ने युनाइटेडन नेशन सिक्योरिटी काउंसिल में भारत की स्थायी सदस्यता की एक बार फिर सिफारिश की है। रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत को यूएनएससी में स्थायी सदस्यता मिलनी चाहिए। रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और ब्राजील यूएनएससी की स्थायी सदस्यता के लिए योग्य उम्मीदवार हैं। हालांकि यह पहली बार नहीं है, जब भारत की स्थायी सदस्यता को लेकर किसी दूसरे देश ने आवाज उठाई है।
युनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल के स्थायी तौर पर पांच सदस्य हैं जिनमें रूस भी शामिल है। इससे पहले अमेरिका भी कई मोर्चों पर भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन कर चुका है। हाल ही में राष्ट्रपति जो बाइडन के हवाले से एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा था कि युनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल के स्थायी सदस्य के रूप में वो जर्मनी, जापान और भारत का समर्थन करते हैं। अमेरिकी अधिकारी ने यह भी कहा था कि इस संबंध में कई मोर्चे पर काम भी किए गए हैं।
बाइडेन ने भी की भारत को स्थायी सदस्य बनाने की बात
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भारत, जापान और जर्मनी को (यूएनएससी) का स्थायी सदस्य बनाए जाने का समर्थन किया है। बाइडेन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बुधवार को कहा कि अभी इस दिशा में बहुत काम किया जाना बाकी है।
उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि हम पहले भी यह मानते थे और आज भी इस बात को मानते हैं कि भारत, जापान और जर्मनी को सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाया जाना चाहिए।
UNSC और भारत
- भारत ने वर्ष 1947-48 मेंमानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा (यूडीएचआर) के निर्माण में सक्रिय रूप से भाग लिया और दक्षिण अफ्रीका में नस्लीय भेदभाव के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद की।
- भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पूर्व उपनिवेशों को स्वीकार करने, मध्य पूर्व में प्राणघातक संघर्षों को संबोधित करने और अफ्रीका में शांति बनाए रखने जैसे कई मुद्दों पर निर्णय लेने में अपनी भूमिका निभाई है।
- इसने संयुक्त राष्ट्र में विशेष रूप से अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के रखरखाव के लिये बड़े पैमाने पर योगदान दिया है। भारत ने 43 शांति अभियानों में भाग लिया है, जिसमें कुल योगदान 160,000 से अधिक सैनिकों और महत्त्वपूर्ण संख्या में पुलिस कर्मियों का है।
- भारत की जनसंख्या, क्षेत्रीय आकार, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), आर्थिक क्षमता, सभ्यतागत विरासत, सांस्कृतिक विविधता, राजनीतिक व्यवस्था और संयुक्त राष्ट्र की गतिविधियों में अतीत तथा वर्तमान में भारत द्वारा दिये जा रहे योगदानों ने इसकी यूएनएससी में स्थायी सीट की मांग को पूरी तरह से तर्कसंगत बना दिया है।
जानें क्या हैं UNSC
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् संयुक्त राष्ट्र के छः प्रमुख अंगों में से एक अंग है, जिसका उत्तरदायित्व है अन्तरराष्ट्रीय शान्ति और सुरक्षा बनाए रखना। परिषद को अनिवार्य निर्णयों को घोषित करने का अधिकार भी है। ऐसे किसी निर्णय को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् कहा जाता है। इसे विश्व का सिपाही भी कहते है क्योंकि वैश्विक शान्ति और सुरक्षा का उत्तरदायित्व इसी के पास में है।
सुरक्षा परिषद में 15 सदस्य है: पाँच स्थायी और दस अस्थायी (प्रत्येक 2 वर्ष के लिए). पाँच स्थायी सदस्य हैं चीन, फ्रांस, रूस, ग्रेट ब्रिटेन और संयुक्त राज्य अमेरिका । इन पाँच देशो को कार्यविधि मामलों में तो नहीं पर विधिवत मामलों में प्रतिनिषेध शक्ति है। बाकी के दस सदस्य क्षेत्रीय आधार के अनुसार दो साल की अवधि के लिए सामान्य सभा द्वारा चुने जाते है।
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