सुप्रीम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस उदय उमेश ललित ने अपने उत्तराधिकारी और देश के 50वें चीफ़ जस्टिस के तौर पर जस्टिस D Y Chandrachud का नाम भेजा है। जस्टिस चंद्रचूड़ देश के 50वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया होंगे। कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने 7 अक्टूबर को चीफ़ जस्टिस यूयू ललित को पत्र लिखकर उनसे उत्तराधिकारी का नाम बताने की गुजारिश की थी।
जस्टिस यूयू ललित इसी साल 27 अगस्त को वो देश के चीफ़ जस्टिस बने थे। और आगामी 8 नवंबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। वहीं D Y Chandrachud का कार्यकाल दो सालों का होगा और वह 10 नवंबर 2024 को रिटायर होंगे। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के पिता वाईवी चंद्रचूड़ देश के 16वें चीफ़ जस्टिस थे।
जब D Y Chandrachud ने पलटा था पिता का फैसला
दरअसल 1985 में तत्कालीन सीजेआई वाईवी चंद्रचूड़ ने जस्टिस आरएस पाठक और जस्टिस एएन सेन के साथ आइपीसी की धारा-497 की वैधता को बरकरार रखा था। सोमित्रि विष्णु मामले में जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ ने अपने फैसले में लिखा था कि सामान्य तौर पर यह स्वीकार किया गया है कि संबंध बनाने के लिए फुसलाने वाला आदमी ही है न कि महिला है।
![D Y Chandrachud](https://tv-24.in/wp-content/uploads/2022/10/yv.png)
वहीं 33 साल बाद अगस्त 2018 में जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ के बेटे जस्टिस D Y Chandrachud ने एक ऐसे ही मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि हमें ऐसे फैसले सुनाने चाहिए जो वर्तमान में प्रासंगिक हों। उन्होंने कहा था कि ऐसी महिलाएं हैं जो अपने ऐसे पतियों से पिटती भी हैं जो कुछ कमाते भी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वह तलाक लेना चाहती है, लेकिन ऐसे मामले वर्षों तक अदालतों में लटके रहते हैं।
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