इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने बुधवार को भारत की डायरेक्ट कैश ट्रांसफर स्कीम की जमकर तारीफ की। इसके साथ ही इसे एक ‘लॉजिस्टिकल मार्वल’ (Logistical Marvel) बताया। साथ ही कहा कि भारत जैसे बड़े देश में इस तरह की योजना सफलता पूर्वक लागू करना बड़ी बात है। और इस देश की बहुत सी बातें सीखने लायक हैं।
प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण का लक्ष्य विभिन्न समाज कल्याण योजनाओं के लाभ एवं सब्सिडी के पात्र लोगों के खाते में समय पर और सीधे भेजना है जिससे प्रभावशीलता, पारदर्शिता बढ़ती है तथा मध्यस्थों की भूमिका कम होती है।
हर रोज औसतन 90 लाख से अधिक DBT भुगतान किया गया
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 2013 से DBT के जरिए 24.8 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि लाभान्वितों तक पहुंचाई गई है जिसमें से 6.3 लाख करोड़ रुपये के लाभ सिर्फ 2021-22 में ही पहुंचाए गए। 2021-22 के आंकड़ों के अनुसार औसतन 90 लाख से अधिक DBT भुगतान प्रतिदिन होते हैं।
आधार से हुआ लॉजिस्टिक चमत्कार
IMF में वित्तीय मामलों के विभाग के उप निदेशक पाओलो माउरो ने कहा, ‘भारत से बहुत कुछ सीखा जा सकता है। दुनिया में प्रेरणादायी कई अन्य उदाहरण भी हैं, हर महाद्वीप और हर आय स्तर के उदाहरण हमारे सामने हैं। यदि हम भारत की बात करें तो यह बहुत प्रभावशाली है।’
भारतीय सरकार द्वारा प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘देश के आकार को देखते हुए यह ‘लॉजिस्टिक चमत्कार’ ही है जिस तरह से गरीब लोगों की मदद के लिए शुरू किए गए ये कार्यक्रम लाखों लोगों तक पहुंचे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘भारत के मामले में एक चीज है जो गौर करने लायक है और वह है विशिष्ट पहचान प्रणाली यानी ‘आधार’ का इस्तेमाल।’
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