राजधानी लखनऊ में सिपाहियों की काली करतूत उजागर हुई। काकोरी कोतवाली में तैनात दो पुलिस कर्मियों ने एनबीडब्ल्यू में वांछित आरोपियों को छोड़ने के बदले 30 हजार रुपये लिए थे। आरोपों के आधार पर मुख्य आरक्षी व सिपाही को लाइन हाजिर किया गया है।
डीसीपी दक्षिणी राहुल राज ने बताया कि बेढ़ौना निवासी बरातीलाल का वर्ष 2009 में पड़ोसी गोमती से विवाद हुआ था। इसमें सुशील और उनके बेटे सुरेंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। बरातीलाल के मुताबिक पांच साल पहले गोमती की मौत हो गई थी। ऐसे में उन्हें लगा कि मामला खत्म हो गया है। इसलिए वह और बेटा सुरेंद्र पेशी पर नहीं जा रहे थे। मंगलवार सुबह कस्बा चौकी पर तैनात एचसीपी मुकेश कुमार और सिपाही विभोर कुमार अचानक उनके घर आये थे। इन लोगों ने पूरे घर की तलाशी ली और कहा कि सुरेन्द्र के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी हुआ है। बाराती से सिपाहियों ने तीस हजार रुपये लिए थे।
इस बात की शिकायत मिलने पर जांच एसीपी काकोरी अनिद्य विक्रम सिंह को सौंपी गई थी। जिनकी रिपोर्ट में मुकेश कुमार और विभोर कुमार को लाइन हाजिर करते हुए विभागीय जांच की जा रही है।
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