कानपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय पाठक पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। एक निजी कंपनी के निदेशक ने प्रो. विनय समेत दो लोगों के खिलाफ लखनऊ के इंदिरानगर थाने में शनिवार को एफआईआर दर्ज करवाई है। निदेशक का आरोप है कि प्रो. विनय ने डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा का कुलपति रहते हुए बिलों का भुगतान करने के एवज में 1.41 करोड़ रुपये का कमीशन लिया। इस मामले की जांच यूपीएसटीएफ को सौंप दी गई है। एसटीएफ ने दूसरे नामजद आरोपित अजय मिश्रा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के वीसी विनय पाठक और प्रिंटिंग प्रेस मालिक अजय मिश्रा पर एक निजी कंपनी से करोड़ों का कमीशन वसूलने का आरोप है। आरोप है कि आगरा विश्वविद्यालय में प्रभारी वीसी रहते विनय पाठक ने बिल पास करने के एवज में 15 फीसदी कमीशन मांगा और कमीशन लखनऊ के अजय मिश्रा उठा रहे थे।
इन यूनिवर्सिटी के रह चुके हैं वीसी
जिसके बाद इस मामले में लखनऊ स्थित इंदिरा नगर थाने में एफआईआर दर्ज की गई। आपको बता दें कि विनय पाठक वर्तमान में कानपुर के छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर हैं। इससे पहले विनय पाठक लखनऊ के एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी के वीसी के पद पर रह चुके हैं।
वीसी विनय पाठक के खिलाफ ये एफआईआर 29 अक्टूबर 2022 को दर्ज हुई थी। उनके खिलाफ एफआईआर धारा 342, 386, 504, 506 और 7 के तहत दर्ज की गई थी। एफआईआर के अनुसार ये पूरा मामला 2020-21 और 2021-22 सत्र में किए कार्यों से संबंधित है। तब वे भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के कुलपति थे। आरोप है कि तब उन्होंने कहा था, “15 फीसदी कमीशन दोगे, तब ही मैं बिल पास करूंगा।” बता दें कि यूनिवर्सिटी के वीसी की गिरफ्तारी पूरे कानपुर समेत आसपास के इलाकों में चर्चा का विषय बनी हुई है।
326 total views, 1 views today