उत्तर प्रदेश के खतौली से BJP के विधायक विक्रम सैनी की विधानसभा सदस्यता रद्द हो गई है। सैनी को मुजफ्फरनगर दंगों के मामले में एमपी/एमएलए कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई थी। सैनी ने निचली निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती भी दी है। उत्तर प्रदेश में कुछ ही दिनों के अंतराल में विक्रम सैनी दूसरे ऐसे विधायक हैं जिनकी सदस्यता रद कर दी गई है। इसके पहले 28 अक्टूबर को समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खान की भी विधानसभा सदस्यता रद कर दी गई थी।
एमपी-एमएलए कोर्ट ने बीजेपी के खतौली विधायक विक्रम सैनी को सुनाई थी। जिसके बाद आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने विधानसभा अध्यक्ष को एक चिट्ठी भेजी थी। जिसमें राज्यसभा सांसद ने सतीश महाना से बीजेपी विधायक को सजा होने के बाद उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग रखी थी। अब उनकी मांग पर विधानसभा अध्यक्ष ने ये फैसला किया है।
हालांकि बताया जा रहा है कि सजा होने के साथ ही विक्रम सैनी की सदस्यता स्वतः रद्द हो गई थी। लेकिन अब जल्द ही विक्रम सैनी की सीट को विधानसभा सचिवालय रिक्त घोषित करेगा। इससे पहले आजम खान की सीट के साथ-साथ खतौली सीट पर भी जल्द उपचुनाव होगा। मुजफ्फरनगर में साल 2013 में हुए कवाल कांड मामले में बीजेपी विधायक विक्रम सैनी समेत 12 लोगों को दोषी करार दिया गया था।
जिसके बाद एमपी एमएलए कोर्ट ने सभी दोषियों को 2-2 साल की सजा और दस-दस हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया था। सजा देने के कुछ समय बाद सभी 12 दोषियों को जमानत भी दे दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने खतौली विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक विक्रम सैनी सहित 28 लोगों पर धारा 147 ,148 ,149 ,307 ,336 ,353 ,504 और 506 में मुकदमा दर्ज किया था।
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