देश का पहला प्राइवेट रॉकेट विक्रम-एस शुक्रवार को दोपहर 11.30 बजे श्रीहरिकोटा से लॉन्च हो गया है। रॉकेट आवाज की गति से पांच गुना ज्यादा स्पीड से अंतरिक्ष की ओर गया। 81.5 किमी की ऊंचाई पर तीन पेलोड सफलता से इजेक्ट किए। लॉन्चिंग के साथ 4 साल पुराने स्टार्टअप स्काईरूट एयरोस्पेस के नाम बड़ी उपलब्धि दर्ज हो गई है। इससे सैटेलाइट लॉन्चिंग कैब बुक करने जितनी आसान हो जाएगी।
रॉकेट का नाम ‘विक्रम-एस’ भारत के महान वैज्ञानिक और इसरो के संस्थापक डॉ. विक्रम साराभाई के नाम पर रखा गया है। भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्द्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) के अध्यक्ष पवन गोयनका ने कहा कि यह भारत में निजी क्षेत्र के लिए बड़ी छलांग है। उन्होंने स्काईरूट को रॉकेट के प्रक्षेपण के लिए अधिकृत की जाने वाली पहली भारतीय कंपनी बनने पर बधाई दी है। केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत इसरो के दिशानिर्देशों के तहत श्रीहरिकोटा से ‘स्काईरूट एयरोस्पेस’ के विकसित पहले निजी रॉकेट का प्रक्षेपण करके इतिहास रचने जा रहा है।
भारत के लिए होगा बड़ा अहम पल
विक्रम-एस सब ऑर्बिटल में उड़ान भरेगा। यह एक तरह की टेस्ट फाइल होगी, यदि भारत को इस मिशन में सफलता मिलती है तो उसका नाम प्राइवेट स्पेस के रॉकेट लॉन्चिंग के मामले में दुनिया के अग्रणी देशों में शुमार हो जाएगा। विक्रम-एस सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से इसके लॉन्चिंग के बाद 81 किलोमीटर की ऊंचाई पर पहुंचेगा। इस मिशन में दो घरेलू और एक विदेशी ग्राहक के तीन पेलोड को ले जाया जाएगा. विक्रम-एस उप-कक्षीय उड़ान में चेन्नई के स्टार्ट-अप स्पेस किड्ज, आंध्र प्रदेश के स्टार्ट-अप एन-स्पेस टेक और आर्मेनियाई स्टार्ट-अप बाजूमक्यू स्पेस रिसर्च लैब के तीन पेलोड ले जाए जाएंगे।
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