तेलंगाना में विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला बड़ा होता जा रहा है। इस मामले की जांच के लिए डीजीपी तेलंगाना ने एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी ने अब इस मामले को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष को तलब किया है। एसआईटी ने बीएल संतोष को 41 (ए) सीआरपीसी का नोटिस भेजा है। उन्हें इस महीने की 21 तारीख को हैदराबाद स्थित कार्यालय में सुबह 10:30 बजे पेश होने को कहा है।
नोटिस में कहा गया है कि अगर वह उपस्थित नहीं होते हैं तो उन्हें गिरफ्तारी का सामना करना पड़ सकता है। पिछले महीने, साइबराबाद पुलिस ने तेलंगाना विधायकों के कथित खरीद फरोख्त के मामले में कथित संलिप्तता के लिए तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने आरोपियों को अदालत में पेश करते हुए कहा था कि आरोपियों की ओर से विधायकों को राज्य सरकार को अस्थिर करने का लालच दिया गया था।
पुलिस के मुताबिक, बीआरएस विधायक पायलट रोहित रेड्डी, रेगा कंथाराव, गुव्वाला बलाराजू और बीरम हर्षवर्धन को नकद, चेक और ठेके देने के जरिए खरीदने की कोशिश की गई थी।
तेलंगाना BJP ने दायर की अंतरिम याचिका
उधर, भाजपा की तेलंगाना इकाई ने एसआईटी के इस नोटिस के खिलाफ हाई कोर्ट में एक अंतरिम याचिका दायर कर दी। भाजपा की तरफ से महासचिव प्रेमेंद्र रेड्डी ने अंतरिम याचिका दायर की। प्रेमेंद्र रेड्डी ने बीएल संतोष को जारी नोटिस पर रोक लगाने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि सीआरपीसी की धारा 41 के तहत भाजपा नेता को समन करने का कोई आधार नहीं है। रेड्डी ने कहा, ‘हमने एक याचिका दायर की है क्योंकि एसआईटी जांच के नाम पर ऐसे लोगों को परेशान कर रही है, जो इस मामले से संबंधित भी नहीं हैं।’
100 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी
विधायक पायलट रोहित रेड्डी की शिकायत पर आपराधिक साजिश, रिश्वत देने और भ्रष्टाचार रोधी कानून के तहत रामचंद्र भारती उर्फ सतीश शर्मा, नंदा कुमार और सिंहयाजी स्वामी के खिलाफ 26 अक्टूबर की रात को मामला दर्ज किया गया था। रोहित रेड्डी ने आरोप लगाया था कि आरोपियों ने उन्हें 100 करोड़ रुपये की पेशकश की और बदले में विधायक को टीआरएस छोड़ अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने को कहा। आरोपियों ने यह भी धमकी दी कि अगर विधायक ने उनकी पेशकश पर ध्यान नहीं दिया तो रेड्डी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई में मामले दर्ज कराए जाएंगे।
BJP ने की थी CBI जांच की मांग
वहीं, बीजेपी ने टीआरएस नेताओं के उन आरोपों की सीबीआई से जांच कराने की मांग की, जिनमें दावा किया गया था कि केंद्र की सत्ताधारी पार्टी ने उसके कुछ विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश की। भाजपा नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस सिलसिले में चुनाव आयोग के अधिकारियों से मुलाकात की और अपनी मांग रखी। भाजपा ने कहा कि चुनाव आयोग को तेलंगाना मामले की सीबीआई से जांच करानी चाहिए। बीजेपी ने दावा किया कि तेलंगाना की सत्ताधारी पार्टी इस उपचुनाव में हारने जा रही है इसलिए वह घबराई हुई है।
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