हरियाणा सरकार ने रॉबर्ट वाड्रा के एक प्रोजेक्ट का लाइसेंस कैंसल कर दिया है। सत्ता में आने के 8 साल बाद भाजपा सरकार ने यह कार्रवाई की है। भाजपा सरकार ने गुरुग्राम में बनाए जा रहे स्काईलाइट हॉस्पिटालिटी प्राइवेट लिमिटेड का रियल एस्टेट लाइसेंस कैंसल कर दिया है। साल 2008 में जब हरियाणा में कांग्रेस की सरकार थी, रॉबर्ड वाड्रा को यह लाइसेंस दिया गया था। अब टाउन ऐंट कंट्री प्लानिंग, हरियाणा के डायरेक्टर की तरफ से यह कार्रवाई की गई है।
साल 2012 में स्काई लाइट ने कमर्शल कॉलोनी बनाने का यह लाइसेंस डीएलएफ को ट्रांसफर कर दिया था। रियल एस्टेट डिवलपमेंट लाइसेंस से किसी को रिहाइशी, कमर्शल या इंडस्ट्रियल कॉलोनी बनाने का अधिकार मिल जाता है। 2012 में एक लैंड डील काफी विवाद में थी। आईएएस अशोक खेमका ने स्काईलाइट के 3.35 एकड़ के म्यूटेशन को रद कर दिया था। उस वक्त वह चकबंदी विभाग के महानिदेशक थे। इसके बाद यह मामला चर्चा में था।
दरअसल हरियाणा में 2014 में जब भाजपा सरकार आई तो हुड्डा सरकार की तरफ से रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी को दिए गए लाइसेंस पर खूब घेराबंदी हुई। अब विभाग ने लाइसेंस रद्द कर दिया है। अब उस जमीन पर कोई भी निर्माण कार्य नहीं हो सकेगा। दरअसल हुड्डा सरकार ने काफी सस्ती कीमत में यह जमीन रॉबर्ट वाड्रा को दी थी लेकिन बाद में इसे बड़ी कीमत में डीएलएफ को बेच दिया गया।
हरियाणा सरकार ने जस्टिस एसएस ढींगरा की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किय था। इस जांच की रिपोर्ट सरकार को काफी पहले सौंप दी गई थी। कोर्ट ने आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने पर रोक लगाई थी। स्काईलाइट ने जब जमीन डीएलएफ को बेंची तो नए टाइटल के साथ स्क्रूटनी फीस जमा की गई और सरकार के पास आवेदन किया गया।
2012 में कॉलोनी की बिल्डिंग बनाने का प्लान अप्रूव हुआ था। 2017 तक प्रोजेक्ट कंप्लीट होना था। डीएलएफ लाइसेंस रिन्यू करवाना चाहता था। जब ऐसा नहीं हुआ तो 2011 में नए लाइसेंस के लिए आवेदन किया गया। 2012 में तत्कालीन डीजी अशोक खेमका ने म्यूटेशन रद्द कर दिया। लाइसेंस रिन्यू हुआ था लेकिन उसपर भी आपत्ति की गई।
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