ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) सुप्रीमो और असम से लोकसभा सांसद बदरुद्दीन अजमल ने कथित रूप से हिंदू समुदाय को निशाना बनाने वाली अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगी है। सांसद बदरुद्दीन अजमल ने कहा है कि वह इसकी वजह से पैदा हुए विवाद से ‘शर्मिंदा’ हैं।
सांसद बदरुद्दीन अजमल ने एक दिन पहले आपत्तिजनक बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि मुस्लिम लड़के 20-22 साल में शादी कर लेते हैं और मुस्लिम लड़कियों की शादी 18 साल की उम्र में कर दी जाती हैं, जो सरकार की ओर से तय उम्र सीमा हैं. इसके बाद उन्होंने कहा था कि हिंदू लड़के 40 साल की उम्र से पहले दो-तीन अवैध बीवियां रखते हैं, बच्चे पैदा नहीं होने देते, पैसे बचाते है और रिश्तों का मजाक उड़ाते हैं, वे घरवालों के दबाव में 40 की उम्र में शादी करते हैं, फिर 40 की उम्र में बच्चा पैदा करने की क्षमता कहां रहती हैं।
एआईयूडीएफ अध्यक्ष ने हिंदुओं को मुस्लिमों का तरीका अपनाने की सलाह दी थी. उन्होंने कहा था कि हिंदू लड़कों को भी 20-22 की उम्र में शादी कर लेनी चाहिए, साथ ही लड़कियों की शादी भी 19-20 साल में कर देनी चाहिए. बदरुद्दीन अजमल के विवादित बयान पर कई राजनीतिक विरोधियों ने उन्हें घेरा था. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने अजमल की विवादित टिप्पणी को लेकर उन पर बीजेपी के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया था और गुवाहाटी में उनका पुतला फूंका था।
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