प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले पटना शिक्षक अपने पढ़ाने के तरीके के कारण बहुत जल्दी ही देशभर में मशहूर हो गए। पटना के रहने वाले खान सर यूट्यूब पर सबसे चर्चित शिक्षक हैं। उनकी एक वीडियो को लाखों लोग देखते हैं और शेयर करते हैं। अपने देसी और सहज अंदाज में पढ़ाने के चलते वे एकाएक चर्चा का विषय बन गए थे, लेकिन उनकी सफलता की राह भी आसान नहीं रही है।
खान सर आज एक बार फिर चर्चा में हैं, लेकिन आज उनकी गिरफ्तारी की मांग उठी है। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने आज ट्वीट कर एक पोस्ट शेयर की जहां खान सर संधि-विच्छेद का उदाहरण दे रहे थे कि कैसे एक वाक्य का अर्थ बदल जाता है जब ‘सुरेश’ नाम की जगह ‘अब्दुल’ हो जाता है। लेखक अशोक कुमार पाण्डेय ने भी उनकी इन वीडियो पर ऐतराज जताते हुए नफरत फैलाने का आरोप लगाया है।
खान सर ने संधि विच्छेद का उदाहरण देते हुए कहा था, “सुरेश ने जहाज उड़ाया” एवं “अब्दुल ने जहाज उड़ाया”। यहां उनका इशारा पहले वाक्य में प्लेन को हवा में उड़ाने का था, वहीं दूसरे वाक्य में धमाके के साथ उड़ाने का था।
घटिया निहायत ही घटिया – इसे गिरफ़्तार करना चाहिए
और जो अट्टहास कर रहे हैं इनकी भद्दी बेहूदा बातें सुन कर उनको सोचना चाहिए – कि क्या बन रहे हैं हम? https://t.co/txyLtHEjzn
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) December 4, 2022
Corona काल में हुए हिट
Khan Sir की सफलता के पीछे उनका सरल स्वभाव और उनकी कड़ी मेहनत है। पटना आने पर सबसे पहले उन्होंने कोचिंग इंस्टिट्यूट खोला था, जो नहीं चल सका। लेकिन इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और यूट्यूब पर खान जीएस रिसर्च सेंटर (Khan Gs Research Centre) नाम से एक चैनल खोल लिया। कोरोना काल में भारत के लोगों ने सबसे ज्यादा इंटरनेट का उपयोग किया था और उस दौरान उन्होंने खान सर की अलग अंदाज वाली वीडियो देखी। इसके बाद खान सर हिट होते चले गए। बता दें कि यूट्यूब चैनल पर खान सर के करीब 2 करोड़ फोलोवर्स हैं। वे बड़ी ही सरलता और गहन रूची के साथ करेंट अफेयर्स और जीएस के टॉपिक्स समझाते हैं जिसे लोग काफी पसंद भी करते हैं।
कौन हैं Khan Sir ?
खान सर यूपी के गोरखपुर में एक सैनिक परिवार में जन्मे हैं और उनके असली नाम को लेकर भी मतभेद रहा है। कोई उनका असली नाम फैजल खान तो कोई अमित सिंह बता रहा था। हालांकि, उनका असली नाम फैजल खान ही है। 1993 में गोरखपुर में जन्मे खान सर के पिता नौसेना में अधिकारी थे। बड़े भाई भी सेना में थे और वो खुद भी वहीं जाना चाहते थे, लेकिन जा नहीं सके। बचपन से ही खान सर की अध्ययन में रुचि रही है और इन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से एमएससी तक की पढ़ाई की है।
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