बुधवार को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के साथ ही पूरी दुनिया के लिए आने वाला साल मुश्किल भरा हो सकता है। राजन ने कहा कि अगर जरुरत के हिसाब से ‘रिफॉर्म’ नहीं किए गए तो अर्थव्यवस्था की परेशानियां बढ़ सकती हैं। बेरोजगारी को बड़ी समस्या बताते हुए राजन ने कहा, ‘निजी क्षेत्र को आगे बढ़ाना होगा क्योंकि सभी को सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती। अगर तकनीकी हस्तक्षेप बढ़ाया जाए तो कृषि क्षेत्र में नौकरियां पैदा की जा सकती हैं।’
उन्होंने कहा कि देश में मिडिल क्लास को ध्यान में रखते हुए नीतियां बनाए जाने कि जरूरत है, क्योंकि आम मध्यम वर्ग ने ही कोरोना महामारी के दौरान सबसे अधिक परेशानियां उठाई हैं। राजन ने छोटे और मध्यम स्तर के उद्योगों के लिए अनुकूल वातावरण बनाने और टिकाऊ ऊर्जा के क्षेत्र में हरित क्रांति को बढ़ावा देने की भी वकालत की।
पूर्व गवर्नर राजन ने कहा कि देश में अगली क्रांति सर्विस सेक्टर (service sector) में हो सकती है। राजन ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी से बातचीत के समय कई मुद्दों पर अपनी राय रखते हुए कहा कि, देश में उच्च मध्य वर्ग की आय इसलिए बढ़ी क्योंकि वे महामारी के दौरान घर से काम कर सकते थे लेकिन कारखानों में काम करने वालों की कमाई कम हो गई क्योंकि वे कमा नहीं पाए।
हरित क्रांति पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि हमें एक नई तरह की हरित क्रांति देखने को मिल रही है। अगर हम उस पर जोर देते हैं, तो हम पवन चक्कियों के निर्माण में सबसे बेहतर कर सकते हैं। जलवायु परिवर्तन के मामले में राजन बोले- ‘सबसे ज्यादा नुकसान दक्षिण एशिया में होगा. आप पहले ही बांग्लादेश और पाकिस्तान को पीड़ित देख चुके हैं। भारत भी पीछे नहीं है। इसलिए हमें बहुत मेहनत करनी होगी।’
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