पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद की मुश्किलें कम होने की नाम नहीं ले रही हैं. दरअसल चिन्मयानंद पर अपनी ही शिष्या के साथ दुष्कर्म के मामले में शाहजहांपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट ने उन्हें फरार घोषित कर दिया है। बता दें कि इससे पहले कोर्ट ने आरोपी चिन्मयानंद के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर चुका है।
दरअसल, 2011 में स्वामी चिन्मयानंद की शिष्या ने उन पर बंधक बनाकर दुष्कर्म करने का मुकदमा चौक कोतवाली में दर्ज कराया था. दुष्कर्म का मामला शाहजहांपुर की एमपी/एमएलए कोर्ट में चल रहा है. कोर्ट ने पेश होने के लिए चिन्मयानन्द को सम्मन भेजे थे, लेकिन लगातार कोर्ट से गैरहाजिर होने पर एमपी/एमएलए कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया था. कोर्ट में पेश न होने पर पहले भी चिन्मयानंद के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी किया जा चुका है, लेकिन चिन्मयानंद कोर्ट में पेश नहीं हुए।
कोर्ट ने गिरफ्तार कर पेश करने का दिया आदेश
पहले उनके वकील ने प्रार्थना पत्र देकर 19 दिसंबर तक का समय मांगा था, लेकिन कोर्ट ने प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया. एमपी/एमएलए कोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद को फरार घोषित कर दिया. कोर्ट ने 16 जनवरी 2023 को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश करने के आदेश पुलिस को दिये हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि स्वामी चिन्मयानंद की एक बार फिर से मुश्किलें बढ़ गईं हैं. अगर चिन्मयानंद कोर्ट में पेश नहीं होते हैं तो उनके खिलाफ धारा 83 के तहत कुर्की की कार्रवाई भी हो सकती है।
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