Opposition Meet: विपक्षी एकता बैठक से पहले AAP ने दिया अल्टीमेटम, अगर कांग्रेस ने समर्थन नहीं किया तो…!

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Opposition Meet: बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को विपक्षी एकता की महा बैठक होनी है। इसी बीच आम आदमी पार्टी ने चेतावनी दी है कि अगर कांग्रेस केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ अभियान का समर्थन नहीं करती है तो वॉकआउट करेगी।

Arvind Kejriwal to appear before CBI today; 10 points on Delhi politics | Mint

कांग्रेस ने क्या कहा?

AAP के रुख पर कांग्रेस के उच्च सूत्रों का कहना है कि पार्टी किसी दबाव में नहीं आएगी। पटना की बैठक में लोकसभा चुनाव की रणनीति को लेकर है जिसमें निर्धारित एजेंडे पर बात होगी।

कांग्रेस पहले ही साफ कर चुकी है दिल्ली में ट्रांसफर पोस्टिंग के मामले को लेकर जारी केंद्र सरकार के अध्यादेश वाला बिल जब संसद सत्र में आएगा तभी इस पर रणनीति बनाई जाएगी। हालांकि पार्टी सूत्रों का संकेत साफ है कि संसद में कांग्रेस अध्यादेश का विरोध करेगी।

अरविंद केजरीवाल की क्या मांग है?

बता दे कि AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल चाहते हैं कि कांग्रेस अपनी राय जाहिर करें। केजरीवाल इस बात से भी नाराज हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उन्हें अब तक मिलने का समय नहीं दिया है, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व पंजाब और दिल्ली के अपने नेताओं की नाराजगी के कारण केजरीवाल के साथ नजर आने से बच रहा है।

केजरीवाल विपक्षी दलों को लेटर लिखकर भी रुख स्पष्ट करने को कह चुके हैं। उन्होंने अपने लेटर में लिखा था कि वह दिन दूर नहीं जब पीएम मोदी 3 राज्यों में उपराज्यपालों और राज्यपालों के माध्यम से शासन चलाएंगे। ऐसे में मैं सभी दलों से अनुरोध करता हूं कि वे अध्यादेश को संसद में पारित नहीं होने देने की रणनीति पर चर्चा करें।

अरविंद केजरीवाल का समर्थन कौन-कौन कर रहा है?

दरअसल, AAP नेता केजरीवाल केंद्र के अध्यादेश को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चीफ शरद पवार और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे सहित कई नेताओं से मिल चुके हैं। इस दौरान सभी नेताओं ने कहा कि वो अध्यादेश के खिलाफ उनका समर्थन करेंगे।

मामला क्या है?

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली के अफसरों की ट्रांसफर और पोस्टिंग का अधिकार केजरीवाल सरकार के पास है। इसके बाद केंद्र सरकार अध्यादेश ले आई। बीजेपी ने दलील दी कि दिल्ली देश की राजधानी है तो ऐसे में यह जरूरी है।

यह भी पढ़ें : http://विपक्ष की बैठक में शामिल नहीं होंगे RLD Chief Jayant Chaudhary, नीतीश को पत्र लिखकर बताई वजह

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