आगरा जेल प्रशासन की ओर से महिला कैदियों के बच्चों का भविष्य सुधारने के लिए विशेष योजना की गई है. यहां पर बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास की योजनाओं को प्रभावी बनाने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. जेल प्रशासन की ओर से इस स्थान का नाम बच्चों का कोना दिया गया है
आगरा जिला जेल के अधिकारियों ने जेल में बंद महिला कैदियों के बच्चों को शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार करने तथा उनके भविष्य को संवारने के लिए पहल की है. जेल के अधिकारियों ने इन बच्चों के भविष्य निर्माण के लिए कारा परिसर में ‘किड्स कॉर्नर जोन’ बनाया है जहां शिक्षक बच्चों को कक्षा में व्यस्त रखने के लिए कैरम और लूडो जैसे बोर्ड गेम भी खेलते हैं. जिला जेल अधिकारी के अनुसार कारा में अभी 146 महिला कैदी हैं. शून्य से छह साल के बीच की उम्र के छह बच्चे हैं. इनमें से केवल तीन को जिला जेल में बने जोन में शिक्षित किया जा रहा है.
जेल अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा, आगरा के बेसिक शिक्षा विभाग के दो शिक्षक 18-21 वर्ष की आयु के 41 युवाओं को पढ़ा रहे हैं.. आगरा के जिला जेल अधीक्षक पीडी सलोनिया ने बताया कि महिला कैदियों के तीन बच्चों को जिला जेल परिसर में स्थित क्रेच में शिक्षित किया जा रहा है. महिला कैदियों के साथ कुल छह बच्चे हैं. इन बच्चों को प्रशिक्षित करने के लिए किड्स कॉर्नर जोन में बेसिक शिक्षा विभाग के दो शिक्षकों को नियुक्त किया गया है.
पीडी सलोनिया ने कहा कि इस जोन में बच्चों के लिए खिलौने, कैरम बोर्ड और लूडो गेम हैं, दीवार पर चित्र आदि लगाये गये हैं. उन्हें फलों और अक्षरों के चित्रों की मदद से पढ़ाया जाता है. उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य बच्चों को अक्षरों तथा सामान्य जागरूकता की मदद से प्रशिक्षित करना तथा उन्हें भविष्य के लिए मानसिक एवं शारीरिक रूप से तैयार करना है. जेल परिसर में पढ़ाने वाली शिक्षिका रितु गर्ग ने बताया कि शिक्षण को प्रभावशाली बनाने के लिए पाठ्यचर्या संबंधी गतिविधियां भी कराई जाती हैं.
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