गोरखनाथ मंदिर पर आतंकी हमले में दोषी पाया गया Ahmad Murtaza Abbasi, NIA कोर्ट ने सुनाई फांसी की सजा

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गोरखनाथ मंदिर में घुसकर सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने के आरोपी अहमद मुर्तजा को एटीएस एनआईए स्पेशल कोर्ट ने दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई है.  अहमद मुर्तजा यूएपीए, देश के खिलाफ जंग छेड़ने और जानलेवा हमले में दोषी पाया गया है. इस मामले में 9 महीने में सुनवाई पूरी कर होने के बाद सजा सुनाई गई है. गौरतलब है कि बीते साल अहमद मुर्तजा ने गोरखनाथ मंदिर में घुसकर पुलिसकर्मियों पर हमला किया था. जिसके बाद 4 अप्रैल 2022 को गोरखनाथ थाने में मामला दर्ज हुआ था।

कौन है अहमद मुर्तुजा अब्बासी?

IIT से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की है. उस युवक का नाम है अहमद मुर्तुजा अब्बासी. वो गोरखपुर के एक नामी परिवार से आता है. परिवार का दावा है कि पिछले कुछ समय से उसकी मानसिक हालात ठीक नहीं है. दसवीं और 12वीं में वो स्कूल टॉपर रहा है. 12वीं में इसके 92% नंबर आए थे।

पहले प्रयास में IIT में सिलेक्ट हो गया था. साल 2015 में इसने IIT से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी. इसके बाद तुरंत उसकी अच्छी नौकरी भी लग गई थी. लेकिन बाद में मानसिक रूप से परेशान होकर उसने नौकरी छोड़ दी थी. घटना से तीन दिन पहले वो मुंबई से गोरखपुर आया था।

अहमद मुर्तुजा अब्बासी का परिवार बेहद नामी रहा है. मुर्तुजा अब्बासी के दादा जिला जज हुआ करते थे. जबकि पिताजी अधिवक्ता थे. परिवार के लोगों का कहना है कि इस घटना के पीछे पुलिस का ही बड़ा हाथा है।

क्योंकि 3 दिन पहले ही पुलिस ने 36 लाख के बकाए के रूप में कोर्ट नोटिस का हवाला देते हुए अहमद मुर्तुजा को खोज रही थी. लेकिन उस नोटिस में क्या था. ये पता नहीं चल पाया है. चूंकि वो पहले से मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गया था. ऐसे में नोटिस की वजह से वो पहले से ज्यादा हाइपर हो गया. इसके बाद ही वो ना जाने कैसे मंदिर के पुलिसवालों के पास पहुंचा और फिर हमला कर दिया।

गोरखपुर की क्या है पूरी घटना?

गोरखनाथ मंदिर के बाहर सड़क किनारे ही मुर्तुजा ने पुलिसवालों पर हमला किया था. रविवार 3 अप्रैल की शाम करीब 7 बजकर 20 मिनट पर अटैक हुआ. करीब 15 मिनट तक वहां आसपास खूब हंगामा हुआ.

आखिर में एक पुलिसकर्मी की सूझबूझ से दबोच लिया गया. लोगों का कहना है कि हाथ में बांका लेकर ये युवक ‘अल्लाह हू अकबर’ का नारा लगा रहा था. वो पुलिसवालों से ये कह रहा था कि ”मैं चाहता हूं कि तुम लोग मुझे गोली मार दो।”

इस घटना को लेकर पुलिस एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने मीडिया को एक बयान दिया है. उनके अनुसार, आरोपी अहमद मुर्तुजा के पास से कई संदिग्ध ऐसी चीजें मिलीं है जो किसी बड़ी साजिश की तरफ इशारा कर रहीं हैं. इसलिए इसमें आतंकी एंगल हो सकता है या नहीं।

इस बारे में जांच की जा रही है. एटीएस और एसटीएफ की टीमें जांच कर रहीं हैं. वहीं, यूपी प्रशासन का कहना है कि जिन दो पीएसी और एक पुलिसकर्मियों ने उसे रोकने की कोशिश की और घायल हो गए. उन तीनों बहादुर जवानों को 5-5 लाख का इनाम दिया जाएगा।

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