Tejas: नए साल में देश के वायुसेना को तेजस फाइटर जेट का नया अवतार मिलने जा रहा है। नए तेजस में सबसे ज्यादा आधुनिक हथियार होंगे और बेहतर निगरानी की क्षमता भी होगी। दरअसल, साल 2023 जल्द ही खत्म होने वाला है। भारत का स्वदेशी लड़ाकू विमान पहले से ज्यादा ताकतवर होगा। बहुत जल्द ही भारतीय वायुसेना को पहला तेजस मार्क 1A फरवरी 2024 में मिलने जा रहा है।
नए तेजस के साथ ही हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानी HAL अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 24 एयरक्राफ्ट हर साल करने जा रहा है। जिससे वायुसेना को जेट सौंपने की रफ्तार को बढ़ा दिया जाएगा।
180 जेट्स का किया गया ऑर्डर
बता दे कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को कुल मिलाकर 180 जेट्स का ऑर्डर मिला है। फरवरी 2021 में रक्षा मंत्रालय ने 83 तेजस मार्क 1A का ऑर्डर दिया था। इसके दो साल बाद 30 नवंबर 2023 को रक्षा मंत्रालय ने अतिरिक्त 97 तेजस मार्क 1A का ऑर्डर दिया है। घटती फाइटर स्क्वाड्रन की तादाद से परेशान भारतीय वायुसेना तेजस फाइटर जेट्स का बेसब्री से इंतजार कर रही है।
नए तेजस में किए गए हैं 43 सुधार
भारत के वायुसेना को ताकतवर बनाने का दूसरा फैसला भी तेजस से जुड़ा हुआ है। स्वदेशी एयरक्राफ्ट होने की वजह से इसमें सुधार करना और नई तकनीक को शामिल करना कहीं ज्यादा आसान है। तेजस मार्क 1A में पुराने तेजस की तुलना में 43 सुधार किए गए हैं। इसी साल अक्टूबर में HAL ने वायुसेना को तेजस मार्क 1A का पहला ट्रेनर सौंप दिया है। अगले साल फरवरी में पहला फ़ाइटर जेट भी वायुसेना को मिल जाएगा।
रिटायर किया जाएगा वायुसेना की स्क्वाड्रन
गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना में मिग-21 की बची हुई तीन स्क्वाड्रन अगले दो साल में रिटायर हो जाएंगी। तेजस मार्क 1A इनकी जगह लेने के लिए तैयार है। भारतीय वायुसेना के फाइटर जेट्स की स्क्वाड्रन की तादाद अब 31 रह गई है। इसमें से मिग-21 की 3 स्क्वाड्रन अगले दो साल में रिटायर होंगी। इसके बाद जगुआर और मिराज-2000 के रिटायर होने की बारी आएगी, जो 80 के दशक में खरीदे गए थे। इन्हें 2029-30 तक रिटायर किया जाना है। सरकार भारतीय वायुसेना इस कमी को तेजस से पूरा करने की तैयारी में जुटी है।
तेजस कितना होगा ताकतवर
तेजस मार्क 1A में AESA (ACTIVE ELECTRONICALLY SCANNED ARREY) रडार हैं। इसकी वजह से जेट को आसानी से पहचाना नहीं जा सकता है। उसके सिस्टम को जाम करना मुश्किल होता है। वहीं, दुश्मनों के रडार को जाम करने के लिए इसमें बेहतर क्षमता है। इसमें मिड एयर रिफ्यूलिंग की बेहतर सुविधा है. तेजस मार्क 1A हवा से हवा में मार करने वाली लंबी दूरी मिसाइलें लगाई गई हैं। तेजस मार्क 1A ने 23 अगस्त को स्वदेशी मिसाइल अस्त्र का सफल परीक्षण भी कर लिया है। इसका इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम बहुत आधुनिक बनाया गया है।
तेजस मार्क 1A की पहली स्क्वाड्रन नई बनाई जाएगी और इसकी तैनाती किसी ऑपरेशन बेस में की जाएगी। अभी भारतीय वायुसेना के पास तेजस मार्क 1 की दो स्क्वाड्रन फ्लाइंग डैगर और फ्लाइंग बुलेट हैं जो कोयंबटूर के पास सुलूर बेस पर तैनात हैं। इसी साल जुलाई में इन स्क्वाड्रन को अग्रिम मोर्चे का अनुभव देने के लिए कश्मीर के अवंतीपुर एयरबेस पर तैनात किया गया था।
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