Akshay Tritiya 2022 : इस बार अक्षय तृतीया और ईद का त्यौहार एक ही दिन पद रहा है। इन दोनों त्यौहार का अलग महत्व है। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को ‘अक्षय तृतीया’ के महापर्व के रूप में मनाया जाता है। इस खास दिन पर स्नान,दान का विशेष महत्व होता है.इसके अलावा इस दिन को मुहूर्त के हिसाब से भी अति शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन किए गए पुण्य कार्यों का कई गुना अधिक फल मिलता है। इसलिए सनातन धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है।
Read More : Akshay Tritiya 2022 आपको बता दें की अक्षय तृतीया को लेकर कई कथाएं प्रचलित हैं।
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस दिन से ही त्रेता युग की शुरुआत हुई थी। इसके अलावा मान्यता ये भी है कि भगवान विष्णु के 24 अवतारों में से एक भगवान परशुराम का जन्म भी इसी तिथि को हुआ था। हयग्रीव और नर नारायण का भी जन्म इसी तिथि को हुआ था। इस तरह भगवान के तीन अवतारों के जन्म तिथि के कारण इसे अक्षय तृतीया कहते हैं।
इसलिए इस तिथि को पुण्यदायी और अतिशुभ बताया गया है।
अक्षय तृतीया पर दान और स्नान का विशेष महत्व है। इस दिन सत्तू,जल,घड़े,ऋतु फल,छाता और स्वर्ण दान से मनुष्य को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। ये पुण्य अक्षय होता है जिसका कभी भी क्षय नहीं होता इसलिए इस खास तिथि को इस खास चीजों का दान करना चाहिए जिससे अक्षय फल की प्राप्ति हो सके।
Akshay Tritiya 2022 : स्वर्ण दान का होता है विशेष महत्व
अक्षय तृतीया पर स्वर्ण दान का विशेष महत्व है। माना जाता है की इस दिन स्वर्ण के गुप्त दान से मनुष्य से सारे पाप पुण्य में बदल जाते हैं और इस पुण्य का कभी भी क्षय नहीं होता है। इसलिए इस दिन के पुण्य को अनंत और अक्षय बताया गया है।
अक्षय तृतीया के दिन मालव्य राजयोग, हंस राजयोग और शश राजयोग बन रहे हैं। मान्यता है कि इन राजयोग में किए गए कार्यों में सफलता हासिल होती है। अक्षय तृतीया के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 39 मिनट से दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। सोना-चांदी खरीदने का शुभ मुहूर्त सुबह 05 बजकर 39 मिनट से अगले दिन सुबह 05 बजकर 38 मिनट तक रहेगा।
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