झारखंड के मुख्यमंत्री Hemant Soren की विधानसभा सदस्यता रद्द होने की अटकलों के बीच महागठबंधन सरकार पर खतरा अब भी मंडरा रहा है। इस बीच रविवार को हेमंत सोरेन और उनके विधायकों की टोली का क्या प्रोग्राम है? क्या हेमंत सोरेन अपने विधायकाें को लेकर आज नेतरहाट घूमने जाएंगे? इन प्रश्नों का जवाब थोड़ी देर बाद मिलेगा, क्योंकि अभी मुख्यमंत्री आवास में कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडेय के साथ महत्वपूर्ण बैठक चल रही है। इस बैठक के समाप्त होने के बाद संभवत: नेतरहाट की यात्रा हो सकती है।
![Hemant Soren](https://th-i.thgim.com/public/incoming/axaw10/article65818567.ece/alternates/FREE_1200/PTI08_27_2022_000096B.jpg)
उधर, नेतरहाट में Hemant Soren की टोली के स्वातगत के लिए सबकुछ तैयार है। नेतरहाट की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। प्रशासन को उम्मीद है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने सभी विधायकों को लेकर कभी भी यहां आ सकते हैं। प्रशासन की यह तैयारी इस बात का साक्ष्य है कि यहां उनका मूवमेंट हो सकता है।
राज्य में तीन दिन से जारी सियासी संकट के बीच कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे शनिवार रांची पहुंचे। उन्होंने देर रात कांग्रेस के विधायकों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने सभी विधायकों को रांची में रहने का निर्देश दिए हैं। आज उनकी मुलाकात CM Hemant Soren से होगी। इसमें वे आगे की रणनीतियों पर चर्चा करेंगे।
शनिवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विधायकों के साथ खूंटी गए थे। जहां उन्होंने लतरातू डैम में बोटिंग भी की। देर शाम खूंटी से वापस रांची लौटने के बाद विधायकों के साथ फिर से मीटिंग का दौर शुरू हुआ। आज भी झामुमो, कांग्रेस, राजद के सभी 42 विधायकों को रांची में बने रहने का निर्देश दिया गया है। मीडिया रिपोर्ट की माने तो आज सोरेन विधायकों के साथ नेतरहाट जा सकते हैं।
Hemant Soren क्यों कर रहे हैं पिकनिक पॉलिटिक्स?
विधायकों के साथ पिकनिक पॉलिटिक्स के बाबत सत्ताधारी दल के एक बड़े नेता ने बताया कि CM हेमंत सोरेन और कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व को इस बात की आशंका है कि उनके कुछ विधायक उन्हें धोखा दे सकते हैं। साथ ही वे बाहर एकजुटता का संदेश भी देना चाहते हैं। ऐसी स्थिति में वे विधायकों को पिकनिक के जरिए एकजुट रखने की कोशिश कर रहे हैं।
इधर शनिवार शाम रांची पहुंचते ही कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि झारखंड में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिश हो रही है। केवल झारखंड ही नहीं जहां-जहां गैर भाजपा की सरकारें हैं वहां सरकार को विकास कार्य करने से रोका जा रहा है। हालांकि उन्होंने ये बात भी स्वीकार की कि झारखंड के कांग्रेस विधायक एकजुट हैं।
बताते चले कि मौजूदा संकट मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य करार दिए जाने की वजह से पैदा हुआ है। राज्यपाल रमेश बैस ने उनकी विधानसभा की सदस्यता खारिज करने का आदेश दे दिया है, लेकिन प्रक्रिया के अनुसार इस संबंध में आधिकारिक पत्र निर्वाचन आयोग जारी करेगा। चुनाव आयोग की ओर से इस संबंध में पत्र जारी किए जाने का अभी इंतजार किया जा रहा है।
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