Ambassador Car : एंबेसडर (Ambassador) को किसी परिचय की जरूरत नहीं है। हालांकि समय के साथ यह आइकॉनिक कार (Iconic Car) सड़कों से गायब हो गई। इन दिनों सिर्फ कोलकाता (Kolkata) में ही एंबेसडर टैक्सी (Taxi) के रूप में (बहुत कम संख्या में) इसे देखा जा सकता है।
भारत में सरकारी अधिकारियों और राजनेताओं की पहली पसंद रही एंबेसडर (Ambassador) कार फिर से सड़कों पर वापस लौट रही है। मारुति और अन्य कार के लॉन्च से पहले भारतीय कार बाजार के 70 फ़ीसदी हिस्से पर हिंदुस्तान मोटर्स की एंबेसडर कार का जलवा था।
एक समय था जब एंबेसडर (Ambassador) कार शान की सवारी मानी जाती थी। किसी गांव, गली, मोहल्ले या शहर में एंबेसडर कार के आने का मतलब होता था कि कोई बड़ी हस्ती आई है। भारत में प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति, डीएम, एसडीएम तक एंबेसडर कार की सवारी करते थे।
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हालांकि, ऐसी उम्मीद है कि जल्द ही एंबेसडर भारतीय सड़कों पर फिर से दिखने लगेगी, लेकिन एक बिल्कुल नई इलेक्ट्रिक सेडान (Electric Sedan) के रूप में होगी। नई एंबेसडर कार पूरी तरह से नई होगी और आधुनिक इंटीरियर के साथ एक अलग लुक देगी। यह इलेक्ट्रिक होगी और इसमें सिंगल मोटर/पर्याप्त आकार का बैटरी पैक हो सकता है। हालांकि इस समय ये सभी अटकलें हैं कि कार कैसी होगी।
Ambassador Car : समय के साथ जैसे-जैसे आधुनिक कारों ने भारत के कार बाजार पर कब्जा किया, वैसे-वैसे एंबेसडर (Ambassador) की मांग कम होती रही और साल 2014 में एंबेसडर का प्रोडक्शन बंद कर दिया गया। अब खबर यह है कि बहुत से लोगों के पसंदीदा शान की सवारी एंबेसडर फिर से भारतीय सड़कों पर वापसी कर रही है।
एंबेसडर (Ambassador) कार बनाने वाली हिंदुस्तान मोटर्स इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट में प्रवेश करके वापसी की योजना बना रही है। ऑटो इंडस्ट्री में इलेक्ट्रिक व्हीकल के बढ़ते चलन के बीच अधिकतर कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट में प्रवेश करना चाह रही हैं। एंबेसडर कार की निर्माता हिंदुस्तान मोटर्स भी इलेक्ट्रिक व्हीकल के साथ भारत में Ambassador Car की वापसी की योजना बना रही है।
हिंदुस्तान मोटर्स ने साल 1957 में भारत की सड़कों पर उतारा था –
हिंदुस्तान मोटर्स ने भारत में एंबेसडर कार (Ambassador car) को साल 1957 में भारत की सड़कों पर उतारा था। ब्रिटिश मोटर कंपनी की पॉपुलर कार मॉरिस ऑक्सफोर्ड सीरीज 3 पर आधारित एंबेसडर कार (Ambassador car) का उत्पादन उत्तरपाड़ा प्लांट में शुरू किया गया। 58 साल बाद अपने आखिरी दिन तक एंबेसडर कार इसी प्लांट में बनी।
Ambassador Car : एंबेसडर कार बनाने वाली हिंदुस्तान मोटर्स का संबंध गुजरात से भी है। गुजरात के ओखा पोर्ट पर कंपनी आजादी से पहले साल 1942 में एंबेसडर कार (Ambassador car) की असेंबलिंग करने लगी थी। इसके बाद साल 1948 में एंबेसडर कार का प्लांट बंगाल के उत्तरपाड़ा में शिफ्ट हो गया। हिंदुस्तान मोटर्स सी के बिड़ला समूह की एक कंपनी है। इसे बीएम बिड़ला ने साल 1942 में स्थापित किया था। हिंदुस्तान मोटर्स की एंबेसडर कार (Ambassador car) की सबसे ज्यादा खरीद भारत सरकार करती थी।
भारतीय सड़कों पर दिखने वाली नई एंबेसडर कार (Ambassador car) इलेक्ट्रिक सेडान के रुप में पेश की जा सकती है. हिंदुस्तान मोटर्स ने एंबेसडर (Ambassador car) का नाम प्यूजो को ₹80 करोड़ में बेचा था जिसमें ब्रांड और अन्य राइट शामिल थे. अब कहा जा रहा है कि दोनों कंपनियां मिलकर एंबेसडर कार (Ambassador car) को एक नए अवतार में वापस ला सकती हैं
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