Amit Shah : पिछले दिनों नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से पूछताछ की थी। 13 जून से शुरू हुई पूछताछ के साथ ही दिल्ली समेत देश के कई शहरों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने जमकर प्रदर्शन किया था। वहीं, कांग्रेस नेता के समर्थन में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की भीड़ सड़कों पर जुटी थी।
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एक साक्षात्कार के दौरान गुजरात दंगों पर जवाब के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने तंज कसते हुए कहा कि उस दौरान ‘मेरी’ गिरफ्तारी पर भी धरने नहीं हुए थे। शीर्ष अदालत की तरफ से फैसला आने के बाद शाह ने कहा कि इससे भाजपा पर लगा धब्बा धुल गया है। साथ ही उन्होंने मोदी पर आरोप लगाने वालों से माफी की मांग की है।
एक मजबूत इरादों वाला व्यक्ति ही कुछ न कहने का ले सकता था स्टैंड –
Amit Shah : इंटरव्यू में गृहमंत्री शाह ने कहा, ‘मोदी जी SIT के सामने नाटक करते हुए नहीं गए थे कि मेरे समर्थन में आओ गांव-गांव से आओ, नहीं आते तो MLA को बुला लो, MP को बुला लो, पूर्व सांसद को बुला लो।’
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, एक बड़े नेता ने बिना एक शब्द कहे और भगवान शंकर के ‘विषपान’ की तरह सभी दर्द को झेलते हुए 18-19 साल की लंबी लड़ाई लड़ी। मैंने उन्हें बहुत करीब से यह दर्द सहते हुए देखा है। केवल एक मजबूत इरादों वाला व्यक्ति ही कुछ न कहने का स्टैंड ले सकता था, क्योंकि मामला विचाराधीन था।
Amit Shah : बातचीत में 2002 के दंगों के दौरान गुजरात सरकार की कार्रवाई पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘जहां तक गुजरात सरकार का सवाल है, हमें देर नहीं हुई। जिस दिन गुजरात बंद का आह्वान किया गया था, उस दिन दोपहर में ही हमने सेना बुला ली थी। सेना को पहुंचने में थोड़ा समय लगता है…एक दिन की भी देरी नहीं हुई थी। कोर्ट ने भी इसकी सराहना की।’
अमित शाह ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने फैसले में कहा कि ट्रेन (गोधरा) जलाने के बाद हुए दंगे पूर्व नियोजित नहीं थे, बल्कि स्व-प्रेरित थे। इसने तहलका के स्टिंग ऑपरेशन को खारिज कर दिया। क्योंकि जब इसके पहले और बाद के फुटेज सामने आए तो पता चला कि स्टिंग ऑप राजनीति से प्रेरित था।
Amit Shah : साक्षात्कार के दौरान भाजपा की प्रतिक्रिया को लेकर सवाल पर शाह ने कहा, ‘हम मानते थे कि हमें न्यायिक प्रक्रिया में सहयोग करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है, SIT काम कर रही है। अगर SIT चाहती है कि मुख्यमंत्री जी से सवाल पूछना, तो मुख्यमंत्री खुद कहते हैं कि मैं सहयोग करने के लिए तैयार हूं, तो किस चीज का आंदोलन करना है। हमारे यहां कोई भी व्यक्ति न्याय की परिधि से बाहर नहीं है।’
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