नहीं रहे आनंद महिंद्रा के चाचा Keshub Mahindra, 99 साल की उम्र में बनाई थी Forbes की लिस्ट में जगह

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भारत के सबसे उम्रदराज अरबपति और आनंद महिंद्रा के चाचा केशव महिंद्रा (Keshub Mahindra)  का 99 साल की उम्र में आज 12 अप्रैल 2023 को निधन हो गया है. उन्होंने 99 साल की उम्र में अंतिम सांस ली है. इसकी जानकारी INSPACe के अध्यक्ष पवन के गोयनका ने अपने ट्विटर हैंडल पर दी है. अपने ट्वीट में पवन गोयनका ने बताया कि बिजनेस जगत ने आज अपने सबसे महान व्यक्तित्व में से एक केशब महिंद्रा को खो दिया है. उनसे मुलाकात करना हमेशा शानदार रहता था. वह हमेशा बिजनेस, इकोनॉमिक्स और सोशल चीजों को शानदार तरीके से जोड़ने की प्रतिभा रखते थे।
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केशुब महिंद्रा, फिलहाल महिंद्रा एंड महिंद्रा (M&M) के चेयरमैन एमेरिटस थे। 9 अक्टूबर, 1923 को शिमला में जन्मे केशव ने अमेरिका के पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय में व्हार्टन से स्नातक की पढ़ाई पूरी की थी। केशुब महिंद्रा ने बतौर चेयरमैन करीब 48 सालों तक महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप की कमान संभाली। वह साल 2012 में रिटायर हुए, जिसके बाद उनके भतीजे आनंद महिंद्रा को ग्रुप का उत्तराधिकारी बनाया गया।
बता दें, हाल ही में अमेरिकी पत्रिका फोर्ब्स की ओर से उन्हें दुनिया का सबसे उम्रदराज अरबपति बताया गया था। उनकी संपत्ति करीब 1.2 अरब डॉलर आंकी गई थी।

1947 में कंपनी की संभाली थी कमान

Keshub Mahindra ने 1947 में अपने पिता की कंपनी में काम करना शुरू किया था। उस वक्त महिंद्रा ग्रुप का मुख्य कारोबार ऐतिहासिक विलिस जीप्स (Willys Jeeps) बनाना था। फिलहाल महिंद्रा ग्रुप एक डायवर्सिफाइड कारोबारी ग्रुप है, जिसका कारोबार ऑटोमोबाइल से लेकर डिफेंस, एनर्जी, सॉफ्टवेयर सर्विसेज, हॉस्पिटैलिटी और रियल एस्टेट तक फैला हुआ है।
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एजुकेशन ट्रस्ट के साथ शिक्षा के क्षेत्र में दिया योगदान

नेतृ्त्व की जिम्मेदारियों से हटने के बाद, केशुब महिंद्रा परोपकारी कार्यों से जुड़ गए। उन्हें शिक्षा के क्षेत्र में काफी योगदान दिया है। उन्होंने केसी महिंद्रा एजुकेशन ट्रस्ट के साथ मिलकर काम किया, जो कई कैटेरगी में छात्रवृत्ति प्रदान करता है। केशुब महिंद्रा को केंद्र सरकार ने भी कई कमेटियों में सेवा देने के लिए नियुक्त किया है। इसमें कंपनी लॉ & MRTP पर बनी सच्चर कमीशन भी शामिल है। साल 2004 से 2010 के बीच केशुब महिंद्रा प्रधान मंत्री के ट्रेड और इंडस्ट्री परिषद के सदस्य थे।

फ्रांस से मिल चुका है पुरस्कार

इसके अलावा उन्होंने SAIL, टाटा स्टील, टाटा केमिकल्स, इंडियन होटल्स, आईएफसी (IFC) और आईसीआईसीआई (ICICI) सहित कई प्राइवेट और सरकारी सेक्टर के संस्थानों में बोर्ड और परिषदों में भी अपनी सेवाएं दी हैं। केशुब महिंद्रा को इंडस्ट्री में उनके योगदान के लिए कई अन्य देशों की ओर से भी मान्यता दी गई है। 1987 में, उन्हें फ्रांसीसी सरकार ने शेवेलियर डी ल’ऑर्ड्रे नेशनल डे ला लीजन डी’होनूर से सम्मानित किया था।

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