विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) ने रिलायंस पावर में जबरदस्त खरीदारी की है। यह कंपनी उन 32 सूचीबद्ध शेयरों में शामिल है। जिनमें एफआईआई ने पिछले एक साल में अपनी हिस्सेदारी कम से कम 3 फीसदी बढ़ाई है।
भले ही अनिल अंबानी की पावर कंपनी, रिलायंस पावर कर्ज के बोझ तले दबी हो लेकिन इस पर दांव लगाने वाले निवेशकों की चांदी है। सिर्फ दो कारोबारी दिन के भीतर रिलायंस पावर का शेयर 37 फीसदी तक चढ़ा है। इसी के साथ शेयर का भाव 52 सप्ताह के उच्चतम स्तर पर भी पहुंच गया है।
क्या है शेयर भाव: शुक्रवार को रिलायंस पावर के शेयर का भाव 52 सप्ताह के उच्च स्तर 23.75 रुपये पर पहुंचा गया। शेयर अपने 20.28 रुपये के पिछले बंद से करीब 18 प्रतिशत तक उछल गया। बीएसई पर रिलायंस पावर का बाजार पूंजीकरण (एम-कैप) बढ़कर 7,700 करोड़ रुपये से ज्यादा है।
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) ने रिलायंस पावर में जबरदस्त खरीदारी की है। यह कंपनी उन 32 सूचीबद्ध शेयरों में शामिल है, जिनमें एफआईआई ने पिछले एक साल में अपनी हिस्सेदारी कम से कम 3 फीसदी बढ़ाई है।
बता दें कि इस साल जुलाई की शुरुआत में, रिलायंस पावर के शेयरधारकों ने वार्षिक आम बैठक (एजीएम) के दौरान अपनी संपत्ति के मुद्रीकरण के लिए एक विशेष प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। सभी विशेष प्रस्तावों को शेयरधारकों के 75 प्रतिशत या अधिक मतों द्वारा अनुमोदित किया जाना आवश्यक था।
कंपनी द्वारा बीएसई फाइलिंग से पता चला कि 72.02 प्रतिशत वोट प्रस्ताव के पक्ष में थे, जबकि 27.97 प्रतिशत ने इसके खिलाफ मतदान किया। इस तरह एजीएम में विशेष प्रस्ताव पारित नहीं किया जा सका।
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