Delhi Liquor Scam: दिल्ली में शराब घोटाले को लेकर इस वक्त देश की राजधानी में सियासत जारी हैं। इस मामले पर लगातार ईडी दिल्ली के मुखयमंत्री अरविन्द केजरीवाल को समन भेज रही है और हाजिर होने का प्रोसर बना रही हैं। इसी मामले दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद संजय की गिरफ़्तारी हो चुकी है वहीं अब ये माना जा रहा है बहुत जल्द दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल भी जेल के अंदर होंगे। हालाँकि आम आदमी लगातार इस बात का दावा करती रही है कि बीजेपी और मोदी सरकार हमारी पार्टी को ख़त्म करना चाहती हैं।
दरअसल, कथित आबकारी नीति घोटाले के संबंध में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज भी प्रवर्तन निदेशालय (ED) के दफ्तर पूछताछ के लिए बुलाया है जिस पर अरविन्द केजरीवाल कहा कि वे ED सामने पेश नहीं होंगे। बता दें कि मामला कोर्ट में है, कोर्ट में अगली सुनवाई 16 मार्च को होनी है। इस मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) ने बयान जारी किया है। वहीं AAP ने बयान में कहा है कि रोज समन भेजने की बजाय ED कोर्ट के फैसले का इंतजार करें। अरविंद केजरीवाल को ED ने इस मामले में 7वां समन भेजा है। मालूम हो कि कथित शराब घोटाले के संबंध में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उसके समक्ष पेश होने के लिए सातवां समन जारी किया है। इससे पहले भी 6 बार समन जारी करने के बाद भी केजरीवाल ED के दफ्तर पूछताछ के लिए नहीं गए थे।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बताया कि केजरीवाल को 26 फरवरी को वित्तीय जांच एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया था। इससे पहले पिछले सोमवार को भी केजरीवाल कथित आबकारी नीति घोटाले के सिलसिले में ईडी के छठे समन पर भी उपस्थित नहीं हुए थे। AAP सूत्रों के मुताबिक, समन असंवैधानिक था और फिलहाल ईडी के सामने पेश होने की वैधता अदालत में जांच के दायरे में है। सूत्रों ने कहा है कि ‘दिलचस्प बात यह है कि ED ने इस मामले को खुद अदालत में लाने की पहल की है। लगातार समन जारी करने की बजाय उसे अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए जिससे उचित कानूनी प्रक्रिया शुरू हो सके।
मालूम हो कि ED ने 31 जनवरी को भी केजरीवाल को समन जारी किया था और 2 फरवरी को उसके सामने पेश होने को कहा था। यह आप संयोजक को जारी किया गया पांचवां समन था। केजरीवाल के पांचवें समन को नजरअंदाज करने के बाद ED कोर्ट गई। वित्तीय जांच एजेंसी की शिकायत में आरोप लगाया गया कि केजरीवाल जानबूझकर समन का पालन नहीं करना चाहते थे और “बचकाना बहाने” बना रहे हैं। वहीं एजेंसी ने कहा कि अगर उनके जैसे उच्च पदस्थ सार्वजनिक पदाधिकारी ने कानून की अवज्ञा की, तो यह आम लोगों के लिए एक गलत उदाहरण स्थापित होगा। अब देखने वाली बात ये होगी कि क्या दिल्ली के सीएम की भी गिरफ़्तारी झारखंड के मुक्यमंत्री तरह होगी या नहीं और आपको क्या लगता है कि बीजेपी ED का प्रयोग जानभूझकर विपक्ष को करने व डराने के लिए कर रही हैं।
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