यूपी के गोंडा में बना एशिया का सबसे बड़ा Ethanol Plant, 60 हजार किसानों को मिलेगा फायदा

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केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी अक्सर सस्ते ईंधन के लिए एथेनॉल की बात करते रहते हैं। इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए केन्द्र सरकार ने देशभर में 199 से ज्यादा Ethanol Plant बनाने को मंजूरी दे रखी है।

Will adding ethanol affect the engine, mileage? | Fast Track | Auto News |  Onmanorama

उत्तर प्रदेश के गोंडा में एशिया के सबसे बड़े Ethanol Plant का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। अगले महीने यानी नवंबर में इसका संचालन शुरू हो जाएगा। इस प्‍लांट का उद्घाटन CM Yogi Adityanath के हाथों होना है। उद्घाटन को लेकर तैयारियां भी शुरू कर दी गई हैं। 350 किलोलीटर प्रतिदिन क्षमता का यह प्‍लांट एशिया का सबसे बड़ा एथेनॉल प्‍लांट होगा। यहां से एथेनॉल बनने के बाद विभिन्‍न तेल कंपनियों के पास भेजा जाएगा। इसके बाद तेल कंपनियां इसे फिल्टर कर पेट्रोल के रूप में इस्‍तेमाल करने योग्‍य बनाएंगी।

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दुनियाभर में एथेनॉल बेस्ड पेट्रोल-डीजल की मांग बढ़ रही है. एथेनॉल की उत्पादन प्रक्रिया में फसल या खाद्य पदार्थों के अपशिष्ट या अन्य चीजों का इस्तेमाल किया जाता है, इससे वायु प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिलती है। एथेनॉल के कई फायदों के चलते इसके इस्तेमाल पर कई देश तेजी से काम कर रहे हैं। भारत में भी एथेनॉल प्लांट की तेज गति से शुरुआत की जा रही है। केंद्र सरकार ने देशभर में करीब 199 प्लांट स्थापित करने की मंजूरी दे रखी है।

Foundation Stone Of Ethanol Plant In Gonda: Cm Yogi Said, In The Sp  Government Saifai Used To Go To The Grain Of The Poor - गोंडा में एथनॉल  प्लांट का शिलान्यास :

गोंडा प्लांट से 60 हजार किसानों को फायदा

रिपोर्ट के अनुसार यूपी के गोंडा में एशिया का सबसे बड़ा एथेनॉल प्लांट बन रहा है। 65 एकड़ में फैले इस प्लांट का शुभारंभ योगी आदित्यनाथ ने पिछले साल किया था। इस एथेनॉल प्लांट को बनाने में करीब 455.84 करोड़ रुपये की लागत आई और यह प्लांट प्रतिदिन 350 किलोलीटर से अधिक एथेनॉल प्रोड्यूस करने की क्षमता रखता है। इस प्लांट की स्थापना से गोंडा के आसपास के जिलों के 60 हजार से अधिक किसानों को फायदा मिलेगा, क्योंकि इस प्लांट के संचालन के लिए प्रतिदिन 50 हजार क्विंटल गन्ने की आवश्यकता होगी।

Sugar mills in Uttar Pradesh owe more than 6,000 crores to sugarcane farmers

यूपी के बरेली में भी बना है प्लांट

उत्तर प्रदेश के बरेली जनपद में एथेनॉल प्लांट को अगले महीने अक्टूबर 2022 से चालू कर दिया जाएगा। ट्रायल शुरू किया जा चुका है। यहां गन्ना, ज्वार, मक्का, बाजरा, धान, गेहूं और अन्य तरह के बीजों के इस्तेमाल से एथेनॉल बनाया जाएगा। यह एथेनॉल प्लांट 25 एकड़ जमीन पर बना है। इसके अलावा द्वारकेश शुगर मिल में भी एथेनॉल प्लांट तैयार हो गया है। मिल में हर दिन 175 किलो लीटर एथेनाल बनाने का लक्ष्य है।

गन्ना, मक्का, चावल से बनता है जैविक ईंधन

एथेनॉल प्लांट में गन्ना, मक्का, सूखे चावल और किसी भी खाद्यान्न के बचे हुए कचरे का उपयोग किया जाता है। इससे प्रोड्यूस होने वाले जैविक ईंधन एथेनॉल को पेट्रोल और डीजल में मिलाकर इस्तेमाल किया जाता है। केंद्र सरकार ने 2030 तक भारत के पेट्रोल-डीजल की खपत का 20 फीसदी तक इथेनॉल बनाकर सम्मिश्रण करने का लक्ष्य रखा है। पीएम मोदी ने 10 फीसदी का लक्ष्य नवंबर 2022 तक रखा था, जिसे हासिल किया जा चुका है।

हरियाणा और गुजरात में भी प्लांट शुरू

हरियाणा के पानीपत में स्थित इथेनॉल प्लांट को बीते अगस्त महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को समर्पित किया है। यह इथेनॉल प्लांट 900 करोड़ रुपये में बनकर तैयार हुआ है। प्लांट के शुरु होने से दिल्ली, NCR और हरियाणा में पराली जलाने तथा अपशिष्ट से होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी। इसी तरह गुजरात के सूरत में KRIBHCO की बायो-इथेनॉल परियोजना ‘कृभको हजीरा’ को बीते महीने सितंबर में शुरू किया जा चुका है।

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