आजम खां को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी है। इसके साथ ही दो साल से सीतापुर जेल में बंद आजम के बाहर आने की सम्भावना बढ़ गई है। आजम खां के खिलाफ दर्ज कुल 89 में से 88 मामलों में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है।
दरअसल कहा जा रहा है कि यदि उनके खिलाफ कोई नया मामला दर्ज नहीं होता है तो 89 वें मामले में आज सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद उनके जेल से बाहर आने में कोई बाधा नहीं है। अंतरिम जमानत देने के साथ ही शीर्ष अदालत ने छूट दी है कि सपा नेता संबंधित कोर्ट में दो सप्ताह में नियमित जमानत के लिए भी आवेदन दे सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सक्षम कोर्ट की तरफ से नियमित जमानत मिलने तक अंतरिम जमानत जारी रहेगी।
अंतरिम जमानत, कोर्ट से सामान्य जमानत पर फैसला आने तक जारी रहेगी। यदि कोर्ट आजम खां को सामान्य जमानत नहीं देती है तो अंतरिम जमानत अगले दो सप्ताह तक जारी रहेगी। अपना फैसला सुनाते हुए सु्प्रीम कोर्ट ने कहा कि आजम खां की जमानत की शर्तें ट्रायल कोर्ट ही तय करेगा। सामान्य जमानत के लिए आजम खां को 2 हफ्ते के अंदर अर्जी लगानी होगी। जस्टिस एल नागेश्वर राव, बीआर गवाई और एएस बोपन्ना की पीठ ने अनुच्छेद 142 के तहत प्राप्त विशेष अधिकारों का प्रयोग करते हुए यह आदेश जारी किया। आदेश के एक हिस्से को पढ़ते हुए जस्टिस गवाई ने कहा कि अनुच्छेद 142 के प्रयोग के लिए यह एक फिट केस है।
आजम खां को आदतन अपराधी बता चुकी है यूपी सरकार
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आजम खां की जमानत पर पिछली सुनवाई के दौरान उन्हें आदतन अपराधी बताया था। सरकार ने आजम को भूमाफिया बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में जमानत का विरोध किया था। यूपी सरकार ने कहा था कि आजम खां ‘आदतन अपराधी’ हैं। यूपी सरकार की ओर से अदालत में पेश अडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा था कि आजम खां पहले ही भूमि कब्जाने के मामले में जांच अधिकारी को धमकी दे चुके हैं। जस्टिस एल. नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली बेंच के समक्ष उन्होंने कहा, ‘आजम खां भूमाफिया हैं। उनके खिलाफ लोगों ने निजी तौर पर शिकायतें दर्ज कराई हैं। वह आदतन अपराधी हैं। हर चीज में उन्होंने धोखाधड़ी की है।’
केस की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने यूपी सरकार के अधिवक्ता से कहा कि राज्य सरकार एक मामले में आजम खान को बेल और दूसरी में जेल नहीं दे सकती। इससे पहले कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा था कि वह आजम खान की बेल की मांग पर जवाब दाखिल करे। यही नहीं कोर्ट ने एक सुनवाई में आजम खान की बेल की मांग पर सुनवाई में देरी को न्याय का मजाक बताते हुए नाराजगी जाहिर की थी। बेंच ने कहा था कि आजम खान को सिर्फ एक केस को छोड़कर सभी में बेल मिल गई है। यह न्याय का मजाक है। हम इससे ज्यादा कुछ नहीं कह सकते हैं।
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