Yogi Govt. : हाल ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ओबीसी की 18 जातियों को एससी में शामिल करने का नोटिफिकेशन रद्द किया है। इसके बाद इन जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल करने का अब ठोस हल मिलता नजर आ रहा है। यूपी की बीजेपी सरकार जल्द ही 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति का आरक्षण देने पर फैसला करने जा रही है।
इसके लिए पूरी विधिक कार्यवाही नए सिरे से करने की तैयारी है। माना जा रहा है कि राज्य सरकार इसके लिए विधानसभा के आगामी मानूसन सत्र में इन जातियों को आरक्षण देने का प्रस्ताव पास कर सकती है, जिसे संसद के दोनों सदनों से पारित करने के लिए केंद्र को भेजा जाएगा।
Yogi Govt. अब अपना सकती है 2 रास्ते
- आसान विकल्प है कि संविधान आदेश 1950 का अनुपालन कराने के लिए स्पष्टीकरण के साथ अधिसूचना जारी करे।
- नए सिरे से जातियों को अनुसूचित करने जैसे शब्दों का प्रयोग न हो। इसके अलावा इन जातियों को मूल जाति के रूप में अनुसूचित जाति में शामिल किया जा सकता है।
Yogi Govt. : माना जा रहा है कि राज्य सरकार इसके लिए विधानसभा के आगामी मानसून सत्र में इन जातियों को आरक्षण देने का प्रस्ताव पास कर सकती है। जिसे संसद के दोनों सदनों से पारित करने के लिए केंद्र को भेजा जाएगा। इसके साथ ही एक विकल्प ये भी है कि रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त मझवार और भर की जातियों को ठीक से परिभाषित करके सभी राज्यों को उनकी सभी उपजातियों को एससी के दायरे में शामिल करने के लिए अधिसूचित कर दिया जाए। कारण यह कि मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान में ये जातियां अनुसूचित जाति की श्रेणी में पहले से हैं।
इसी मद्देनज़र हाईकोर्ट लखनऊ बेंच में लंबित विभिन्न मामलों में सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए अधिसूचनाओं को रद्द करवा दिया है ताकि कोई कानूनी अड़चन न रहे। निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद का कहना है कि केंद्रीय मंत्री ए नारायण स्वामी ने बीती 26 जुलाई को पत्र भेज कर इस संबंध में सकारात्मक सहमति जताई है।
Yogi Govt. : संजय का दावा है कि 1950 से पहले मझवार और भर जातियों को अनुसूचित जाति की श्रेणी में होने की वजह से लाभ मिलता था लेकिन बाद के वर्षों में उत्तर प्रदेश में इन जातियों को ओबीसी की जातियों की सूची में डाल दिया गया।
फिलहाल, आने वाले कुछ दिनों में सरकार और भाजपा की यह रणनीति साफ हो जाएगी। दरअसल, पार्टी संगठन के बड़े सूत्रों और राज्य सरकार के अधिकारियों की मानें तो तय किया गया है कि लंबे समय से संघर्ष कर रही 17 जातियों को अनुसूचित जाति जनजाति की श्रेणी में शामिल करते हुए उन्हें आरक्षण के साथ अन्य सुविधाएं भी दी जाएं। यूपी में इसके लिए दो बार हुए सर्वे में भी इन जातियों को आर्थिक व सामाजिक रूप से अत्यंत पिछड़ा बताते हुए अनुसूचित जाति जन जाति में शामिल होने के लिए उपयुक्त माना गया है।
Yogi Govt. : चौथी बार मौजूदा सीएम योगी आदित्यनाथ ने 2019 में अधिसूचना जारी की। इस बार 31 अगस्त को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने योगी सरकार की अधिसूचना पर रोक लगा दी है। हालांकि अब एक बार फिर योगी सरकार इसे नए सीरे से इसे अंजाम तक पहुंचाने की तैयारी कर रही है। इसकी बड़ी वजह है 2024 में होने वाला लोकसभा चुनाव। पार्टी को लगता है कि इन 18 OBC जातियों को एससी में शामिल करवा कर इसका फायदा पूर्वांचल में उठा सकते है।
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