Bharat सोने की रिसाइक्लिंग के मामले में बना चौथा सबसे बड़ा देश, बढ़ रही रिफाइनिंग इंडस्ट्री

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Bharat : पिछले साल भारत में 75 टन सोना रिसाइकिल हुआ और इस मामले में यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा देश रहा। हालांकि इसके बावजूद अभी भी यहां सिर्फ 8 फीसदी ही घरेलू सोने की रिसाइकिलिंग होती है। यह खुलासा वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की एक रिपोर्ट से हुआ है।

Gold Refining Process

भारत सोने की रिसाइक्लिंग करने वाला चौथा बड़ा देश बन गया है। विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) की हाल की रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में भारत ने विश्व में सोने की कुल रिसाइक्लिंग का 6.5 प्रतिशत या 75 टन सोने की रिसाइक्लिंग की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले पांच साल से भारत में सोने की कुल आपूर्ति में से 11 प्रतिशत पुराने सोने से होती है, जो सोने की कीमत, भविष्य में सोने के भाव की उम्मीद और व्यापक आर्थिक परिदृश्य से संचालित है।

जब सोने की कीमत चढ़ती है, लोग अपने सोने की बिक्री करते हैं –

Bharat : सोने की रिसाइक्लिंग (आभूषण, विनिर्माण स्क्रैप और एंड- आफ-लाइफ इंडस्ट्रियल स्क्रैप) इसकी कीमतों में उतार-चढ़ाव, मौजूदा और भविष्य की उम्मीदों और आर्थिक स्थितियों के मुताबिक तय होती है।

Gold Refining Process

डब्ल्यूजीसी की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘जब सोने की कीमत चढ़ती है, लोग अपने सोने की बिक्री करते हैं। या तो वे कीमतों में बढ़ोतरी से लाभ उठाना चाहते हैं या सोने के नए आभूषणों पर खर्च करने से बचते हैं। मेटल फोकस फंड के शोध के मुताबिक जब सोने की कीमत बढ़ती है तब पुराने आभूषण बदलने वालों की संख्या बढ़ जाती है और जब अर्थव्यवस्था पर दबाव होता है, जैसा कोविड-19 के दौरान देखा गया, रोजमर्रा की जरूरतें पूरी करने के लिए सोना बेचा जाता है।’

Gold Refining - RecyclingInside

संक्षेप में कहें तो जब सोने की कीमत में 1 प्रतिशत की बढ़ोतरी होती है  तो रिसाइक्लिंग 0.6 प्रतिशत बढ़ जाता है। वहीं जब सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि इस साल और उसके पहले के साल में हुई तो रिसाइक्लिंग में 0.3 प्रतिशत और 0.6 प्रतिशत की कमी आई। डब्ल्यूजीसी ने कहा, ‘इसके साथ ही अगर आभूषण की मांग 1 प्रतिशत बढ़ती है तो इससे रिसाइक्लिंग 0.1 प्रतिशत कम हो जाती है।’

बेहतर टैक्स सिस्टम से रिफाइनिंग इंडस्ट्री को मिली मजबूती –

Bharat : टैक्स के बेहतर ढांचे ने भी भारतीय गोल्ड रिफाइनिंग इंडस्ट्री को मजबूत किया है। सरकार ने कच्चे सोने पर आयात शुल्क रिफाइंड सोने से अलग बना दिया जिससे देश में ऑर्गेनाइज्ड रिफाइनिंग मजबूत हुआ। इस वजह से कुल इंपोर्ट में कच्चे सोने का आयात वर्ष 2013 में 7 फीसदी से बढ़कर पिछले साल 22 फीसदी पर पहुंच गया।

UK company sells gold, silver refineries after 162 years - MINING.COM

कई साल से भारत की सोने की रिफाइनिंग की क्षमता में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो रही है। यह 2013 में जहां 300 टन था, 2021 में बढ़कर 1,800 टन हो गया। इसमें अहम भूमिका 2013 में अपनाई गई समावेशी भूमिका ने निभाई है,  जब रिफाइंड गोल्ड बुलियन और डोर के बीच शुल्क के अंतर को लेकर नीति लाई गई थी।

Company Overview - David H Fell

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Bharat : डब्ल्यूजीसी ने कहा, ‘अगस्त 2013 से जनवरी 2016 के बीच गोल्ड बुलियन पर शुल्क 10 प्रतिशत था, जिसमें शुल्क अंतर 1 से 2 प्रतिशत था, जो जोन पर निर्भर था। 2016 के बजट के बाद उत्पाद शुल्क मुक्त (ईएफजेड) क्षेत्र और घरेलू शुल्क क्षेत्र (डीटीए) की रिफाइनरीज के लिए गोल्ड डोर आयात पर शुल्क क्रमशः 8.75 प्रतिशत और 9.35 प्रतिशत हो गया। वहीं बुलियन पर सीमा शुल्क 10 प्रतिशत बरकरार रखा गया।  इससे रिफाइनरीज के लिए अंतर कम होकर 0.65 प्रतिशत औऱ 1.25 प्रतिशत हो गया। इन कर प्रोत्साहनों के कारण 2014 के बाद से खुले ईएफजेड में ज्यादातर उत्तराखंड में हैं।’

Refining and Smelting | Diamond Jewelry Commodity Chain

विश्व स्वर्ण परिषद के भारत के रीजनल सीईओ सोमसुंदरम पीआर के मुताबिक भारत में प्रतिस्पर्धी रिफाइनिंग केंद्र बनने की क्षमता है, अगर अगले चरण के बुलियन बाजार के सुधारों को प्रोत्साहन दिया जाए।

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