नई दिल्ली: पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। शनिवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की आबकारी नीति को लेकर धनशोधन से जुड़े प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मामले में न्यायिक हिरासत 8 मई तक बढ़ा दी। पुलिस सुरक्षा के बीच अदालत ले जाए जाने के दौरान सिसोदिया ने पत्रकारों से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कितनी कोशिश कर लें अरविंद केजरीवाल का काम नहीं रोक पाएंगे।
दरअसल, राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को राष्ट्रीय राजधानी में कथित आबकारी घोटाले के सिलसिले में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत देने से इनकार कर दिया था। विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच किए जा रहे मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
इससे पहले, सिसोदिया की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन ने कहा कि ईडी का काम यह बताना नहीं है कि जीओएम और कैबिनेट में क्या हुआ, ईडी का काम यह बताना होना चाहिए कि अगर कोई अपराध हुआ है, तो इससे किसे फायदा हुआ। वकील ने कहा कि सिर्फ अटकलों के आधार पर सिसोदिया को हिरासत में नहीं रखा जा सकता। उन्होंने दावा किया कि आम आदमी पार्टी के नेता के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का कोई मामला नहीं बनता है। प्रवर्तन निदेशालय ने जमानत याचिका का विरोध किया था और कहा था कि शराब कार्टेल को रिश्वत पाने के लिए अवैध लाभ देने के लिए एक अवैध पारिस्थितिकी तंत्र बनाया गया था।
विशेष न्यायाधीश एम. के. नागपाल ने शुक्रवार को सिसोदिया को राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष धनशोधन के कथित अपराध में सिसोदिया की संलिप्तता को लेकर एक वास्तविक और प्रथम दृष्टया मामला दिखाने में सक्षम रहा है। अदालत ने ‘गंभीर प्रकृति के आरोपों और आपराधिक साजिश में सिसोदिया द्वारा निभाई गई भूमिका, अपराध की आय के सृजन और इस्तेमाल आदि से संबंधित गतिविधियों में उनकी संलिप्तता’ को देखते हुए जमानत देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि सिसोदिया की पत्नी की कथित बीमारी भी उन्हें इस मामले में जमानत पर रिहा करने का आधार नहीं है।
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