Bihar में कैदियों की रिहाई में बड़ी लापरवाही, नीतीश सरकार ने आनंद मोहन के साथ मृत कैदी को भी दिया जेल से छोड़ने का आदेश

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पिछले 14 सालों की सजा काट चुके बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ हो चुका है. जेल मैन्युअल कानून में संशोधन कर दिया गया है. नोटिफिकेशन भी निकल चुका है और संभवत 27 अप्रैल को आनंद मोहन सहरसा जेल से हमेशा के लिए बाहर हो जाएंगे. वैसे तो जेल मैनुअल कानून में संशोधन पर 27 लोगों को रिहा किया जा रहा है, लेकिन बिहार ही नहीं पूरे देश में यह चर्चा है कि यह पूरा कानून का संशोधन आनंद मोहन की रिहाई को लेकर किया गया है।

आनंद मोहन समेत 27 लोगों को जेल से रिहा करने का नीतीश सरकार ने जारी किया आदेश  | bihar government ordered for releasing of anand mohan including twenty  seven other - News Nation

बिहार के बक्सर मुक्त कारा से पांच कैदी की रिहाई होनी थी. इसमें तीन कैदी को बुधवार को रिहा कर दिया गया जबकि एक कैदी ने अर्थ दंड नहीं जमा किया है इस वजह से उसकी रिहाई नहीं हो सकी. वहीं पांचवे कैदी की रिहाई अब कभी नहीं हो सकती है क्योंकि वह अब कैद में नहीं है. बक्सर जेल से जिन पांच कैदियों की रिहाई होनी थी उनमें से एक कैदी पतिराम राय की मौत करीब 6 महीने पहले ही हो गई है।

दरअसल बिहार सरकार ने जिन 27 कैदियों को रिहा करने का आदेश जारी किया है उस लिस्ट में 15वें नंबर पर पतिराम राय का नाम है. इससे पहले 11 नंबर पर लिस्ट के सबसे चर्चित कैदी जिसकी वजह से ही बांकी 26 कैदियों की रिहाई का रास्ता साफ हु्आ है का नाम है. यह चर्चित कैदी कोई और नहीं बिहार में अपनी रिहाई और बेटे की सगाई- शादी के लिए चर्चा में रहने वाले आनंद मोहन सिंह हैं।

पतिराम राय की पहले हो चुकी है मौत

लेकिन अभी हम बात करेंगे सूची में 15 नंबर के कैदी पतिराम राय की जिसकी रिहाई का आदेश सरकार ने दिया है. पतिराम राय को 1988 में उम्रकैद की सजा हुई थी. उन्हें हत्या मामले में यह सजा मिली थी. 35 सालों से जेल में बद पतिराम राय की उम्र सरकारी कागजों के अनुसार 93 साल है. जेल अधीक्षक ने उनकी रिहाई के लिए कारा एवं सुधार विभाग को पत्र लिखा था. जिसके बाद सरकार ने आनंद मोहन सिंह के साथ जिन 26 कैदियों को रिहा करने का आदेश जारी किया है उसमें पतिराम राय का भी नाम शामिल है लेकिन पतिराम राम रिहाई की खुशी महसूस करने के लिए इस दुनिया में नहीं हैं. 6 महीने पहले ही उनकी मौत हो चुकी है।

पतिराम राय को लेकर बीजेपी ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा है- बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने ट्वीट किया-बिहार में अंधेर नगरी है. यहां निधन के बाद कर्मचारियों का ट्रांसफर होता है. जिनकी मौत हो चुकी होती है उनके खिलाफ आदेश जारी होता है. अब एक दलित कैदी को जेल से छोड़ने का आदेश तब दिया गया है जब उस कैदी की पहले मौत हो गई है. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि काश उस दलित को जिंदा रहते न्याय मिल जाता।

यह भी पढ़ें : Dantewada Naxal Attack : छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बड़ा नक्सली हमला, 10 DRG जवान और चालक शहीद 

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