Cable Car : केन्द्र सरकार बड़े शहरों में चलाने जा रही है केबल कार, जानें क्या होगी खासियत

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Cable Car : उत्तर प्रेदश विधानसभा चुनाव के दौरान केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने प्रयागराज शहर के पश्चिमी विधानसभा में आयोजित एक जनसभा में कहा था कि प्रयागराज में अब हवा में उड़ने वाली बस चलाई जाएगी। जिसका डीपीआर तैयार हो रहा है। यही नहीं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ये बोला कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को भी उन्होंने इसकी जानकारी दे दी है। जनसभा में गडकरी ने कहा था, उनकी इच्छा है कि वो दिल्ली से प्रयागराज के लिए सी प्लेन में बैठें और यहां त्रिवेणी संगम पर उतरें।

और अब केन्‍द्र सरकार लोगों को बेहतर ट्रांसपोर्ट की सुविधा देने और सड़कों से वाहनों को कम करने के लिए बड़ी केबल कार (एरिअल रोप ट्रांजिट-Cable Car) चलाने की योजना बनी रही है। इस केबल कार की क्षमता 250 यात्रियों के करीब होगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) ने इस पर मंथन शुरू कर दिया है। केबल कार चलाने वाली कंपनियों और एक्‍सपर्ट से बात कर इस प्रोजेक्‍ट पर संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। ये कार 6000 से 8000 यात्रियों को प्रति घंटा ले जाने की क्षमता रखती हैं।

Proposal to build cable car network in Oxford - Cherwell

Cable Car : सड़क परिवहन मंत्रालय सड़कों से ट्रैफिक और इससे होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए सड़क परिवहन का विकल्‍प तलाश रहा है। इसी दिशा में रोपवे चलाने की तैयारी की जा रही है। न केवल पहाड़ी इलाकों में बल्कि सामान्‍य शहरों में भी इसे विकल्‍प के रूप में देखा जा रहा है। एनसीआर के गाजियाबाद में 10 से 12 यात्रियों की क्षमता वाली केबल कार चलाने की तैयारी है। इस प्रोजेक्‍ट को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने भी मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही 250 क्षमता वाली केबल चलाने की भी संभावना तलाशी जा रही है।

सड़क पर ट्रैफिक कम हो जायेगा –

मंत्रालय के अनुसार एरिअल रोप ट्रांजिट ऐसी ट्रांसपोर्ट प्रणाली है, जिसमें एक केबल कार में 250 तक यात्री बैठ सकते हैं। इसे दिल्‍ली से शुरू कर एनसीआर के बाहर के शहरों तक चलाया जा सकता है, जिससे दिल्‍ली और एनसीआर दोनों जगह सड़कों से ट्रैफिक कम किया जा सके। सड़क परिवहन मंत्रालय फिलहाल इस पर संभावना तलाश रहा है।

Varanasi plans cable cars as public transport to ease road congestion -  ​New way of beating street congestion | The Economic Times

Cable Car : मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार इस तरह की केबल कार को प्रगति मैदान के आसपास से शुरू कर अक्षरधाम होते हुए गाजियाबाद से हापुड़ तक चलाया जा सकता है। उसी तरह लोनी में मेट्रो लाइन खत्‍म होने के बाद इसे चलाया जा सकता है, यह ट्रोनिका सिटी, मंडोला विहार होते हुए बागपत तक जा सकती है। जिस रूट पर मेट्रो नहीं हो, वहां से चलाना लोगों के लिए ज्‍यादा फायदेमंद होगा।

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चूंकि ये परियोजनाएं एक सीधी रेखा में बनाई जाती हैं, इस लिए इस परियोजना में भूमि अधिग्रहण की लागत भी कम आती है। सड़क परिवहन की तुलना में प्रति किलोमीटर रास्ते के निर्माण की अधिक लागत होने के बावजूद, परियोजनाओं की निर्माण लागत सड़क परिवहन की तुलना में अधिक किफायती हो सकती है।

In-depth insight: Know all about UK's first Urban Cable Car Emirates  Airline London | Urban Transport News

परिवहन के हवाई माध्यम के कारण, रोपवे का सड़क मार्ग परियोजनाओं की तुलना में एक फायदा यह है कि रोपवे एक सीधी रेखा में चलता है, इस वजह से कम समय में पहुंचाता है, जिससे लोगों का आवागमन में समय बचेगा।

सामग्री के कंटेनरों को इस तरह से डिजाइन किया जा सकता है ताकि पर्यावरण में किसी भी तरह की गंदगी फैलाने से बचा जा सके। इससे धूल उड़ने की संभावना कम होती है।

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