केन्द्र सरकार ने PFI पर लगाया 5 साल का बैन? 8 सहयोगी संगठनों पर भी लगा प्रतिबंध

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पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को गृह मंत्रालय ने 5 साल के लिए देश में बैन लगा दिया है। केंद्र सरकार ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई), उसके सहयोगियों और तमाम मोर्चों को गैरकानूनी घोषित कर दिया है। देश में पिछले कई दिनों से PFI के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की जा रही थी, जिस दौरान अलग-अलग राज्यों से 127 से अधिक PFI के सदस्यों को भी गिरफ्तार किया गया था।

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मंगलवार को दूसरे राउंड की छापेमारी में भी 270 से अधिक पीएफआई से जुड़े लोग हिरासत में लिए गए हैं। इसके बाद आज गृह मंत्रालय ने नोटिफिकेशन करके PFI को गैरकानूनी संगठन घोषित करते हुए अगले पांच साल के लिए बैन लगाया गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार छापेमारी के दौरान राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को PFI के खिलाफ कई अहम सबूत हाथ लगें हैं।

PFI पर 5 साल का बैन, टेरर लिंक के आरोप में 9 सहयोगी संगठनों पर भी कार्रवाई - Ban on PFI an associate porganisation for five years ntc - AajTak

सरकार ने इसका आधिकारिक गजट भी प्रकाशित किया है। पिछले दिनों पीएफआई पर केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई के बाद इस संगठन को बैन करने की मांग उठने लगी थी। दूसरी तरफ, पीएफआई पर NIA और ED की छाेपमारी के बाद गृह मंत्रालय ने बैन की तैयारी शुरू कर दी थी। सरकार के आदेश के साथ ही पीएफआई को यूएपीए की धारा 35 के तहत 42 प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की सूची में जोड़ा गया है। PFI पर बैन को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी ने कहा कि NIA द्वारा जांच की जा रही थी और उसी के अनुरूप ये कार्रवाई की गई है।

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मंत्रालय द्वारा PFI के सहयोगी संगठनों को भी किया गया बैन

गृह मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, पीएफआई के सहयोगी संगठनों- रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ) , नेशनल वीमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

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सात राज्यों में सिलसिलेवार छापेमारी में पीएफआई से जुड़े 270 से अधिक लोगों को हिरासत या गिरफ्तार किए जाने के एक दिन बाद पीएफआई पर बैन की कार्रवाई सामने आई है। कर्नाटक में पुलिस ने पीएफआई और एसडीपीआई से जुड़े 80 कार्यकर्ताओं और नेताओं को एहतियातन हिरासत में लिया था। इस मामले में बेंगलुरु एडीजीपी (कानून और व्यवस्था) आलोक कुमार ने पूरे राज्य में पुलिस की छापेमारी की पुष्टि की थी।

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मंगलोर पुलिस ने भी पीएफआई और एसडीपीआई सदस्यों को सीआरपीसी 107, 151 के तहत हिरासत में लिया। पीएफआई के खिलाफ ये छापेमारी, यूपी, महाराष्ट्र, गुजरात, असम, मध्य प्रदेश और दिल्ली में भी की गई जहां से कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। पुणे में पुलिस ने कथित फंडिंग के संबंध में पूछताछ के लिए 15 पीएफआई समर्थकों को हिरासत में लिया था।

यह भी पढ़ें : क्या है PFI का इतिहास? जिसके खिलाफ लगातार हो रहे ताबड़तोड़ छापे, कई बार संगठन को प्रतिबंधित करने उठ चुकी है मांग

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